06 मई, 2013
उत्तर प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक रंजन ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एन0आर0एल0एम0) की स्कीमों में महिला किसानों की भागीदारी बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि महिला किसानों को क्रेडिट पर बीज, खाद्य व अन्य सामग्री देकर इन कार्यक्रमों को उसी तरह सफल बनाया जा सकता है जैसे कि दुग्ध विकास कार्यक्रमों में महिलाओं की भागीदारी 90 प्रतिशत तक बढ़ाकर दुग्ध संघ समितियों को सफल बनाया गया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए महिला कल्याण एवं बाल विभाग को जेण्डर कृषि के परिप्रेक्ष्य में सहयोगी बनाया जा सकता है।
श्री आलोक रंजन आज अपने कार्यालय में जलवायु परिवर्तन, कृषि एवं जेण्डर विषयक अन्तर्विभागीय परिचर्चा को सम्बोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि महिला किसानों का योगदान खेती में बहुत अधिक है परन्तु उसे संस्थागत ढंग से मूल्यांकित किया जाना चाहिये। उन्हांेने इस मौके पर गोरखपुर एनवायरनमेण्टल एक्शन ग्रुप (जी0ई0ए0जी0) द्वारा प्रस्तुत आकड़ों की सराहना की और सेण्टर फार बजटिंग एण्ड गवर्नेन्स एकाउण्टेबिलिटी (सी0बी0जी0ए0) द्वारा प्रस्तावित जेण्डर बजटिंग को सकारात्मक बताया तथा प्राथमिकता के आधार पर उसे लागू करने के लिए कहा।
परिचर्चा में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये जो इस प्रकार हैंः-
1. कृषि एवं संबंधित विभागों के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में जलवायु परिवर्तन के परिप्रेक्ष्य में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने हेतु प्रशिक्षण एवं सहयोग अल्टरनेटिव फ्यूचर्स, जी.ई.ए.जी. एवं सी.बी.जी.ए. द्वारा समय-समय पर विभाग के निर्देशानुसार किया जा सकता है। इससे संबंधित प्रशिक्षण सामग्री के निर्माण में भी अपेक्षित सहयोग दिया जायेगा।
2. क्षेत्र स्तर पर महिला किसानों द्वारा जलवायु परिवर्तन अनुकूलन हेतु किये जा रहे अभिनव कृषिगत प्रयासों को डिमान्स्ट्रेशन साईट्स के रूप में पहचान देना। जी.ई.ए.जी. के द्वारा इस क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण प्रयास हुए हैं अतः यहां आवश्यकतानुसार सक्षम अधिकारियों का भ्रमण सुनिश्चित कर अन्य क्षेत्रों में इसे लागू करने की संभावनाओं को तलाशा जाएगा।
3. ‘जेण्डर बजटिंग‘ विषय पर विभागीय स्तर पर समझ बनाने एवं कार्य करने पर सहमति हुई। इसके परिप्रेक्ष्य में अन्य राज्यों द्वारा, जहां भी सरकार स्तर पर प्रयास हुए हैं, जारी शासनादेश की कापी कृषि उत्पादन आयुक्त कार्यालय को उपलब्ध करायी जाएगी।
4. बैठक में विभिन्न योजनाओं जैसे छभ्डए ।ज्ड। एवं त्ज्ञटल् में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर सहमति बनी। इस संदर्भ में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार मिशन पर भी चर्चा हुई।
जलवायु परिवर्तन, कृषि एवं जेण्डर विषयक अन्तर्विभागीय परिचर्चा का उद्देश्य राज्य की नीतियों एवं विकास कार्यक्रमों में जलवायु सम्बन्धित मुद्दों को शामिल करने की सम्भावनाओं पर समझ बनाना एवं चर्चा करना था। परिचर्चा के दौरान तीन प्रस्तुतिकरण किये गये। पहला प्रस्तुतिकरण अल्टर्नेटिव फ्यूचर्स की सुश्री अदिति कपूर द्वारा कृषि एवं विकासीय कार्यों में महिला किसानों की भूमिका एवं वर्तमान स्थिति पर फोकस डाला गया और महत्वपूर्ण नीतिगत सुझाव प्रस्तुत किये गये। तत्पश्चात गोरखपुर एनवायरनमेण्टल एक्शन ग्रुप के डाॅ0 शीराज वजीह ने महिला किसानों और कृषिगत विषयों पर किये जा रहे प्रयासोें को हाईलाइट करते हुए महिला किसानों के हितवर्धन के सुझाव रखे। तीसरे प्रस्तुतिकरण में सेण्टर फाॅर बजटिंग एण्ड गवर्नेन्स एकाउण्टेबिलिटी के श्री रंजन पण्डा ने जेण्डर बजटिंग पर चर्चा की और कहा कि सभी सरकारी विभागांे में इसकी व्यवस्था होनी चाहिये। उन्होंने अन्य राज्यों में भी इस दिशा में होने वाले प्रयासों के बारे में बताया। परिचर्चा में शामिल होते हुए कृषि उत्पादन आयुक्त के मुख्य स्टाफ आफिसर श्री अजय कुमार उपाध्याय तथा कृषि निदेशक श्री देवमित्त सिंह ने भी महिला किसानों की स्थिति, उनकी भागीदारी और उनके हितों की सुरक्षा पर अपने विचार व्यक्त किये।
बैठक में ग्राम्य विकास विभाग के निदेशक मत्स्य सरोज कुमार, अपर निदेशक कृषि एन0पी0 सिंह, उप आयुक्त श्री डी0सी0 त्रिपाठी, महिला एवं बाल विकास विभाग की उप सचिव प्रभा मिश्रा, यूपी पावर कार्पाेरेशन के अधिशाषी अभियंता संजय आनन्द जैन, पशुधन विकास विभाग के संयुक्त निदेशक डाॅ0 सुनील कुमार, सिंचाई एवं भूगर्भ जल के मुख्य अभियंता पी0आर0 चैरसिया, मुख्य वन संरक्षक एम0एस0 भुप्पल, सहायक निदेशक पर्यावरण सुवरन कुमार, संयुक्त पंचायती राज सुधान चन्दोला अल्टरनेटिव फ्यूचर्स के अदिति कपूर, जीईएजी के डाॅ0 शीराज वजीह, जीईएजी के राज्य कन्सल्टेंट अमित कुमार आदि उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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