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सहकारी बैंको में कार्यरत कर्मचारियों के रोजी रोटी का संकट ।

Posted on 04 May 2013 by admin

राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेष  अध्यक्ष मुन्ना सिंह चैहान ने सरकार को घेरते हुये कहा कि  प्रदेष के 25 जिला सहकारी बैंको को वित्तीय सहायता देकर सुचारू रूप से चलाने का वादा सरकार ने विधान सभा तथा विधान परिषद ने किया था लेकिन सरकारन ने वादा खिलाफी करते हुये 25 बैकों में से मात्र 9 बैंको को चलाने में मदद् की इन बैंकों से किसानो ंको बीज, खाद, व ऋण मिलता था वहीं 16 जिला सहकारी बैंको को न चलाने से किसानों व उनके कर्मचारियों ने भारी असंतोष व्याप्त है।
उन्होंने आगे बताया कि सहकारिता मंत्री ने जिला सहकारी बैंको के साथ सौतेला व्यवहार करते हुये 25 बैंको में से मात्र 9 बैंको में से सरकार धन उपलब्ध कराकर रिजर्व बैक से लाइसेन्स प्राप्त किया जिनकी वित्तीय हालत 25 बैंको में सबसे खराब थी विदित है कि यह 9 बैंक सहकारिता मंत्री के अपने चहेतों के जिलों के थे जबकि अन्य 16 बैंकों की वित्तीय हालत भी इन 9 बैंको की तुलना में बेहतर थी लेकिन सहकारिता मंत्री ने इन 16 बैंको को बहाल करने में न तो सरकार से धन उपलब्ध कराया न ही दिलचस्पी ली जिससे इन जिलों के किसानों को खाद, बीज व ऋण मिलने में किल्लत हो रही है साथ ही साथ 300 प्रारम्भिक कृषि ऋण समितियों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है इन बैंको में कार्यरत कर्मचारियों के रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है।
राष्ट्रीय लोकदल सरकार से मांग करता है कि 16 जिला सहकारी बैंको को सरकार तत्काल धन वित्तीय सहायता उपलब्ध कराकर रिजर्व बैंक से बहाल कराये जिससे किसानों, कामगारों तथा खाता धारकों को आर्थिक उत्पीड़न से बचाया जा सके साथ ही साथ बैंकों में काम करने वाले हजारों कर्मचारियों को भी बेराजगार होेने से बचाया जा सके।
यह जानकारी राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेष प्रवक्ता प्रो0 के0के0 त्रिपाठी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में दी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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