29 अप्रैल, 2013
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियांे को निर्देश दिये हैं कि गेंहू खरीद केन्द्र क्रियाशील होने की स्थिति के बावजूद भी गेंहू की आवक कम होने की स्थिति में स्थानीय परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए राजस्व ग्रामों की क्रय केन्द्रों से सम्बद्धता समाप्त करने का निर्णय ले लें, ताकि अधिक से अधिक गंेहू की खरीद सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि निर्धारित लक्ष्य 60 मी0टन लाख के सापेक्ष अभी तक 210038.34 मी0टन खरीद हुई है जो लक्ष्य के सापेक्ष 3.50 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि किसानों को अधिक से अधिक सुविधाएं उपलब्ध कराकर क्रय केन्द्रों में गेंहू लाने हेतु उन्हें प्रेरित किया जाय। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बाहर गेंहू का संचरण होने की स्थिति में मण्डी शुल्क तथा वैट टैक्स की चोरी कतई न होने दी जाय।
मुख्य सचिव आज योजना भवन में वीडियों कान्फ्रेन्सिग के माध्यम से गेंहू खरीद की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने क्रय एजंेसी के प्रबन्ध निदेशकों को निर्देश दिये कि मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों द्वारा उठाई गयी समस्याओं का समाधान आगामी तीन दिन में कराकर अवगत कराया जाए। उन्होंने कहा कि कुछ जनपदों से साप्ताहिक रिपोर्ट समय से नहीं प्राप्त हो रही है। वे सुनिश्चित करें कि उनकी साप्ताहिक रिपोर्ट सप्ताह के प्रत्येक शुक्रवार को अवश्य खाद्य आयुक्त को प्राप्त हो।
उन्होंने कहा कि जनपदों से भारी मात्रा में अन्य प्रदेशों में गेंहू संचरण की सूचना निरन्तर प्राप्त हो रही है। जिलाधिकारी इस पर सतर्क दृष्टि रखें तथा मण्डी एवं वाणिज्य कर विभाग को निर्देशित करें कि अवैध संचरण किसी भी दशा में न होने पाये। उन्होंने कहा कि यदि पूर्व में संचरण हुआ है तो उसकी पुष्टि सुनिश्चित कर ली जाय कि समस्त अभिलेख और औपचारिकताएं सम्बन्धी विभागों के स्तर से पूर्ण करायी गयी हैं कि नहीं।
वीडियों कान्फ्रेन्सिग में प्रमुख सचिव खाद्य एव रसद श्री दीपक त्रिवेदी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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