बालकांे के अधिकार संरक्षण एवं जनपदों को बाल श्रम मुक्त बनाने हेतु संबन्धित 12 विभागों और सरकारी संस्थाओं (एन0जी0ओ0) की प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन कमिश्नरी सभागार में किया गया है । कार्यशाला का शुभारम्भ मण्डलायुक्त प्रदीप भटनागर और मुख्य अतिथि डा0 योगेन्द्र दुबे सदस्य राष्ट्रीय बालक अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
डा0 योगेन्द्र दुबे ने अपने सम्बोधन में कहा कि बाल अधिकारांे का संरक्षण संवैधानिक दायित्व है । उन्होंने बाल अधिकारों के बारे में विभिन्न अधिनियमों और शासनादेशों की चर्चा करते हुये ग्राम स्तर तक बाल अधिकारो के संरक्षण पर बल दिया। उन्होंने बाल कल्याण समितियों को सक्रिय बनाने और जिला कार्ययोजना बनाने की जरूरत बतायी ।
बाल अधिकार अधिनियम के बारे में जानकारी देते हुये कहा कि बाल अधिकारों के उल्लंघन के मामले पर संज्ञान लें और बच्चों के अधिकारांे को सुरक्षित करने की दिशा में सभी सम्बन्धित विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करें ।
डा0 दुबे ने बताया कि बाल अदालतों के माध्यम से अब तक लगभग तीन हजार बच्चों को मुख्य धारा में शामिल किया गया है। उन्होंने किशोर न्याय बोर्ड, बाल कल्याण समिति, सभी राज्यों में बाल अधिकार संरक्षण आयोग का गठन, बाल श्रम से जुड़े परिवारों को सरकार की अन्य कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने तथा जिला विधिक सहायता सैल को प्रभावी बनाने की ओर भी ध्यान दिलाया। उन्होंने जे0जे0एक्ट, शिक्षा का अधिकार, संवीक्षागृह तथा बाल संरक्षण गृहों की स्थापना की महत्ता बताई ।
मण्डलायुक्त प्रदीप भटनागर ने बाल श्रम के प्रति संवेदनशीलता लाने और बाल श्रम के सम्बन्ध में बनाये कानूनों को गम्भीरतापूर्वक लागू करने पर बल दिया । उन्होंने कहा कि अन्य विभागों के अधिकारी श्रम विभाग की योजनाओं पर आपसी समन्वय के साथ अधिक ध्यान देते हुये लागू करायें। उन्होंने कहा कि हमारी आर्थिक नीति श्रमपरक है और श्रमिकों के कल्याण के लिए भी अनेक नियम और कानून हैं। उन्होंने बन्धुआ मजदूर उन्मूलन, मानवाधिकार, बाल अधिकार आदि पर प्रकाश डालते हुये बाल श्रम से शिक्षा के सम्बन्ध पर चर्चा की । उन्होंने शिक्षा का अधिकार अधिनियम की जानकारी देतु हुये सर्व शिक्षा अभियान को सही दिशा में प्रभावी रूप से संचालन पर बल दिया।
जिलाधिकारी आगरा जुहेर बिन सगीर ने कहा कि बाल श्रम समाज के लिए अभिशाप और कलंक है। यह एक सामाजिक समस्या है। बाल श्रम उन्मूलन के विषय पर मिलकर कार्यवाही करने की जरूरत है। उन्होंने कार्यों से हटाये बच्चों के परिवारो की आर्थिक सहायता की ओर ध्यान दिलया। उन्होंने शिक्षा के अधिकार के सम्बन्ध में स्कूल प्रबन्ध समिति की कार्यप्रणाली में भी सुधार करने पर बल दिया।
उप श्रमायुक्त जे0बी0सिंह ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुये विभिन्न अधिनियमों, शासनादेशों तथा परियोजनाओं की जानकारी देते हुये कहा कि बाल श्रम उन्मूलन संवैधानिक प्रतिबद्धता है। कार्यशाला का संचालन सहायक श्रमायुक्त दीप्तिमान भट्ट ने किया। यूनिसेफ के प्रतिनिधि डा0 जोगेन्द्र सिंह ने शिक्षा का अधिकार रिजवान अली ने उ0प्र0 में बाल संरक्षण, डा0 मनीष सिंह ने किशोर न्याय अधिनियम व समेकित बाल संरक्षण योजना पर प्रस्तुति दी । फिरोजाबाद के मुख्य विकास अधिकारी शिवाकान्त द्विवेदी ने बाल श्रमिक कल्याण योजनाओं की जानकारी दी। मुख्य विकास अधिकारी आगरा प्रभान्शु श्रीवास्तव ने कार्यशाला के उद्देश्यों पर चर्चा करते हुये प्रतिभागियों के प्रश्नांे के उत्तर दिये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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