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प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा का स्तर दिन पर दिन गिरता जा रहा है

Posted on 29 April 2013 by admin

edited-sewa-dal-meeting27 अप्रैल।
उत्तर प्रदेश में सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में दिन . प्रतिदिन गिरते शिक्षा के स्तर पर कांग्रेस पार्टी ने गहरी चिंता व्यक्त की है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री ज़ीशान हैदर ने पार्टी मुख्यालय पर जारी बयान में कहा कि प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा का स्तर दिन पर दिन गिरता जा रहा है जिसकी सबसे बड़ी वजह प्राथमिक विद्यालयों में भारी मात्रा में शिक्षकों की कमी का होना है। श्री हैदर ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी की वजह से गरीब बच्चे अच्छी शिक्षा से वंचित रह जा रहे हैं या तो फीस देने में समर्थ न होने के बावजूद भी निजी विद्यालयों में दाखिला कराने पर मजबूर है। पूर्वांचल में  कही .कही  ऐसी भी स्थिति है जहाँ पर सरकारी विद्यालयों के आभाव में बच्चे शिक्षा से वंचित रहकर मजदूरी कर रहे है। उन्होंने कहा कि प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा के स्तर में सुधार लाने के लिए प्रदेश सरकार के पास कोई मास्टर प्लान नहीं है। शिक्षा विभाग की उदासीनता की वजह केंद्र सरकार व्दारा चलाई जा रही कारगर योजनाएं भी उदासीन साबित हो रही हैं।
प्रवक्ता श्री जीशान हैदर ने कहा कि प्रदेश सरकार भले ही शिक्षा के स्तर में सुधार की बात कर रही हो परिस्थितियां ठीक विपरीत है। सच्चाई यह है कि ण्ष्ण्पीठ पर बस्ता एहाथ में कापी और पेन्सिल लिए नन्हे .मुन्हे एकल के भविष्य किसी चाहरदीवारी के भीतर बने शिक्षा के मंदिर में पढाई करने के लिए सुबह जाते है मन में रहता है की गुरु जी आज कोइ नई बात बताये गेए लेकिन होता इसके ठीक विपरीत है। अधिकतर विद्यालयों में पढ़ाने के लिए सिर्फ एक शिक्षक तैनात है जो पढ़ाने  के बजाय सिर्फ कागजी कार्यवाही पूरा करने में उलझे रहते है। पूरा दिन यूँ ही बीत जाता है और बच्चे बिना कुछ नई बात सीखे घर को लौट जाते है।ष् उन्होंने बताया कि प्रदेश में आधे से ज्यादा सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में मात्र एक ही शिक्षक तैनात है। पूरे प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों की संख्या तकरीबा सवा लाख हैए जिसमे से लगभग पचास हज़ार विद्यालय सिर्फ एक शिक्षक के सहारे चल रहे है। विद्यलयों में छात्रों की संख्या के हिसाब से देखा जाय तो वर्त्तमान में लगभग ढ़ाई लाख शिक्षकों की कमी है। श्री हैदर ने कहा कि शिक्षकों की इतनी भारी मात्रा में कमी होने के बावजूद भी प्रदेश सरकार शिक्षकों की भर्ती के प्रति गंभीर नहीं है। शिक्षकों की भर्ती के लिए अब तक कोई ठोस नियमावली नहीं बनाई गयी। सपा सरकार शिक्षकों को लेकर चुनाव के समय किये गए वायदे से भी मुकर रही है। शिक्षकों की भर्ती को लेकर आये दिन खबरें उड़ती रहती है लेकिन थोड़े दिन बाद ठन्डे बस्ते में चली जाती है।
श्री हैदर ने प्रदेश सरकार का ध्यान प्राथमिक विद्यालयों की तरफ आकृष्ट करते हुए यथाशीघ्र शिक्षकों की कमी को पूरा करने की माँग की ताकि प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा की स्थिति में सुधार आये और कल का भविष्य अँधेरे से उबर सके तथा शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार भी मिल सके। उन्होंने कहा कि जिस तरह मजबूत जड़ के बिनाए मजबूत पौधे की कल्पना नहीं की जा सकती ठीक उसी तरह अच्छी प्राथमिक शिक्षा के बिना मध्य और उच्च शिक्षा की कल्पना नहीं की जा सकती। इस बात को प्रदेश सरकार को भी गहराई से समझाना चाहिए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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