आगरा जनपद के किसानों ने भूमि अधिग्रहण के खिलाफ पैदल चलकर अपनी मांगों के समर्थन में राजधानी मंें धरना स्थल पर बैठे हैं लेकिन सरकार किसानों की मांगों के प्रति उपेक्षापूर्ण रवैया अपनाये हुये है जिससे किसानों में भारी आक्रोष है। मायावती सरकार ने आगरा के किसानों की जमीन यमुना एक्सप्रेस-वे व जे0पी0 ग्रुप के लिए किसानों से औने पौने दामों में अधिग्रहण किया तथा उक्त जमीन को जे0पी0 ग्रुप 17000 रू/गज के हिसाब से बेच रहा है जबकि किसान उक्त जमीन पर तीन फसल ले रहा था वहीं मायावती सरकार ने किसानों से धोखाधड़ी करके औने पौने दामों में खरीद कर अरबों रूपये में बड़ी बड़ी कम्पनियों को बेचा।
सपा के मुखिया मुलायम सिंह व मुख्यमंत्री ने आगरा के किसानों से वादा किया था कि सत्ता में आते ही जे0पी0 ग्रुप द्वारा अधिग्रहीत जमीन को किसानों को वापस दिलायेंगे लेकिन सत्ता में आते ही आगरा के किसानों को ठंेगा दिखाते हुये पूंजीपतियों के हाथों से जमीन वापस दिलाने मंे सरकार हीलाहवाली कर रही है तभी किसानों ने अपनी मांगों को लेकर लखनऊ में डेरा डाल दिया है किसानों की प्रमुख मांग है कि यमुना एक्सप्रेस-वे के लिए अधिग्रहण जमीन का मुआवजा सर्किल रेट से 6 गुना सरकार तत्काल भुगतान करे वहीं जे0पी0 ग्रुप की टाउनषिप के लिए अधिग्रहीत जमीन को सरकार वापस दिलाये। किसानों ने केन्द्र सरकार से मांग की है कि भूमि अधिग्रहण के काले कानून को खत्म कर किसानों के हित में भूमि अधिग्रहण के लिए नया कानून लागू करे।
राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेष अध्यक्ष मुन्ना सिंह चैहान ने आगरा के किसानों के मांगों के समर्थन में धरना पर बैठकर सरकार को घेरते हुये कहा कि आगरा के किसानों से किये गये वादे को तत्काल पूरा करे तथा पूंजीपतियोें द्वारा अधिग्रहीत जमीन को किसानों को वापस दे तथा यमुना एक्सप्रेस-वे के लिए मुआवजा सर्किल रेट से 6 गुना ज्यादा व उनके परिवारों को सरकारी नौकरी दे तथा किसानों पर से अधिग्रहण के दौरान लगे मुकदमें भी वापस ले।
श्री चैहान ने बताया कि आगरा के किसानों की मांगों को अगर सरकार ने नहंीं माना तो राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव व सांसद मा0 जयन्त चैधरी 28 अपै्रल को आगरा के किसानों की मांगों के समर्थन में राष्ट्रीय लोकदल के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठकर सरकार को घेरने का काम करेंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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