महार रेजिमेन्ट जोकि भारतीय सेना की एक प्रतिष्ठित एवं उत्तम रेजिमेन्ट है और रेड ईगल डिविजन ने एक संयुक्त पर्वतारोहण दल, त्रिषूल पर्वत षिखर (7120 मीटर) पर विजय हासिल करने के लिये प्रारम्भ किया । यह षिखर गढवाल हिमालय में स्थित है तथा भगवान षिव के दर्षन का द्वार माना जाता है। यह अभियान महार रेजिमेन्ट की स्थापना के प्लेटिनम जुबली वर्ष 2016 में माउण्ट एवरेस्ट षिखर पर विजय हासिल करने के क्रम में एक प्रयास है।
इस पर्वतारोहण दल का नेतृत्व 1 महार के लेफ्टिनेंट कर्नल अमित बिष्ट कर रहे हैं जोकि एक कुषल पर्वतारोही हैं । मेजर जनरल सुरिन्दर सिंह, विषिष्ठ सेवा मेडल, जनरल आॅफिसर कमांडिंग, रेड ईगल डिवीजन ने 26 अप्रैल 2013 को लखनऊ छावनी में पर्वतारोहण दल को बहुत हर्ष और उल्लास से फ्लैग आॅफ किया। इस पर्वतारोही दल में 4 अधिकारी, 3 सरदार तथा 17 अन्य पद महार रेजिमेन्ट तथा रेड ईगल डिवीजन कि युनिटों से चुने गये हैं।
यह दल जोषीमठ, रूद्रप्रयाग, नंदप्रयाग होते हुये बागड जगह तक रोड से जायेगा। तत्पष्चात नंदा देवी अभ्यारण्य के बाहरी चुनौतीपूर्ण एवं अत्यन्त मुष्किल पर्वतीय रास्ते से 34 किलोमीटर की दूरी तय कर बेस कैम्प में पहुंचेगा। दल को मई के अन्तिम सप्ताह में विजय हासिल करने तक तीन और कैम्प लगाने पडेंगे। यह पर्वतारोही दल गढवाल पर्वत माला की रक्षा तथा हमारे जंगलों और इकोलोजी के बारे में जागरूकता का प्रचार करेगा।
यह अभियान लेफ्टिनेंट जनरल ज्ञान भुषण, परम विषिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विषिष्ट सेवा मेडल, विषिष्ट सेवा मेडल, जनरल आॅफिसर कमांडिग-इन-चीफ, दक्षिण पष्चिमी कमान एवं कर्नल आॅफ दी महार रेजिमेन्ट के नेतृत्व में एक और महान उपलब्धि होगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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