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समाजवादी पार्टी की कथनी-करनी से विपक्षी खेमों में हलचल और गहरी निराशा छा गई है - राजेन्द्र चैधरी

Posted on 26 April 2013 by admin

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि समाजवादी पार्टी ने अपनी कथनी-करनी में एकता रखकर चुनाव के समय किए गए वायदों की पूर्ति की दिशा में जो तेज कदम बढ़ाए हैं, उससे विपक्षी खेमों में हलचल और गहरी निराशा छा गई है। उन्हें अपना भविष्य दूर-दूर तक अंधकारमय दिखाई दे रहा है। इससे बौखलाकर भाजपाई समाजवादी पार्टी सरकार पर तुष्टीकरण और बसपा अध्यक्षा राष्ट्रपति राज का बेसुरा राग छेड़ने से बाज नहीं आ रही है। अपनी अनर्गल और बेसिर पैर की बातों से इन दलों के नेताओं ने तय कर लिया है कि वे कानून का सम्मान नहीं करेगें और लोकतंत्र में लोकराज का भी पालन नहीं करेगें।
बसपा नेत्री का मामला मनोचिकित्सा का विषय बनता जा रहा है। संविधान, न्यायपीठ, प्रशासनिक प्रतिमान सबकी उपेक्षा कर वे कौन सा आदर्श पेश कर रही है ? लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सबको सुलभ है बस उसमें मर्यादा का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। समाजवादी पार्टी नेतृत्व स्वयं अपने मंत्रियों/ विधायकों को अनुशासित रहने का निर्देश दे चुका है। समाजवादी पार्टी जातिवादी और सांप्रदायिक ताकतों को अपनी मनमानी नहीं करने देगी। धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद के लिए संकल्पित समाजवादी पार्टी सरकार श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में सामाजिक न्याय और समता के पथ पर अग्रसर रहेगी।
समाजवादी पार्टी प्रारम्भ से ही सांप्रदायिकता की खिलाफत में रही है। उसने अपने चुनाव घोषणा पत्र-2012 में अल्पसंख्यक समूहों को पूरी सुरक्षा और अल्पसंख्यको की भाषा, संस्कृति, पूजा पद्धति, परंपरा की रक्षा का वायदा किया था। प्रदेश के अल्पसंख्यक समाज का भरोसा समाजवादी पार्टी पर है क्योंकि समय-समय पर दलीय हितों और सरकार की कीमत पर भी श्री मुलायम सिंह यादव ने मुस्लिमो के पक्ष में आवाज उठाई है। समाजवादी पार्टी की सरकार बनने से पूर्व ही समाजवादी पार्टी नेतृत्व ने यह आश्वासन दिया था कि दहशतगर्दी के आरोप में जिन निर्दोष मुस्लिम नौजवानों को बंदी बनाया गया है उनकी रिहाई की जाएगी। अपने घोषणापत्र और वायदों की पूर्ति के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर विपक्ष औचित्यहीन बात कर रहे है।
मुस्लिमों को दहशतगर्द बताकर केन्द्र और पिछली राज्य सरकार ने बहुत से नौजवानों को फर्जी केसों में जेल में बंद कर दिया। अदालतों से कई नौजवान निर्दोष ठहराए जाकर रिहा किए जा चुके है। यदि समाजवादी पार्टी सरकार ने निर्दोषों की रिहाई का कदम उठाया है तो इसमें गलत क्या है। न्याय का बुनियादी सिद्धांत भी यही है कि जब तक सिद्धदोष न हो तब तक व्यक्ति को निर्दोष ही मानना चाहिए। भाजपा तुष्टीकरण का जो आरोप लगा रही है वह उसकी सांप्रदायिक दृष्टि है। आतंकवादी का कोई धर्म जाति या रंग नहीं होता है। निर्दोष कोई हो उसको राहत मिलनी चाहिए इसमें जाति धर्म को आड़े नहीं आने देना चाहिए।
कांग्रेस कमेटी ने सच्चर कमेटी और रंगनाथ मिश्र आयेाग का गठन किया किन्तु उनकी सिफारिशें ठंडे बस्ते में डाल दी। श्री मुलायम सिंह यादव ने उनकी चर्चा संसद में उठाई। सच्चर कमेटी ने बताया है कि मुस्लिमो की हालत दलितों से भी बदतर है। रोजी रोजगार में उनको उचित महत्व नहीं मिलता है। कांग्रेस ने उनको दोयम दर्जे का नागरिक बनाकर छोड़ रखा है। उत्तर प्रदेश में जब समाजवादी पार्टी की सरकार बनी तब मदरसों को अनुदान, कब्रिस्तानों की चाहरदीवारी का निर्माण, मुस्लिम लड़कियों को शादी या पढ़ाई  के लिए 30 हजार रूपए की एकमुश्त मदद, प्रतियोगी परीक्षाओं की मुफ्त कोचिंग तथा हास्टल सुविधा, कमेटियों, आयोगों तथा परिषदों में प्रतिनिधित्व और पूर्व दशम छात्रवृत्ति योजना के लिए पर्याप्त धनराशि का बजट में प्राविधान किया गया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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