२५ अप्रैल । जनपद मे लोक सभा चुनाव की आहट सुनाई पडने लगी है । पार्र्टी के नेताओं का आगमन धडाधड शुरु हो चुका है ।
बताते चले कि अब सुलतानपुर लोक सभा चुनाव की रणभेरी कभी भी बज सकती है ऐसा जिले मे आंगतुक नेताओं की कारो के आये दिन बज रहे हूटर से लगता है । मगर इन सबके बीच एक अज्ञात भय भी व्याप्त है वह शायद भाजपा के फायर ब्र्रांड नेता वरुण गांधी के जनपद की लोक सभा सीट की प्रत्याशिता की चर्चाओं से पैदा हो रहा है ।
वैसे तो कांग्रेस पार्टी इन सभी धमा चैकडी से अभी दूर ही है मगर सबसे ज्यादा बैचेनी प्रदेश की सत्त्ता पर पूर्ण बहुमत के काबिज सपा को हा रही है यही कारण है कि हफ्ते भर के भीतर ही सपा के दो कददावर नेता यहां पहुंचे और अपने अंदाज मे सपा सर्मथन की बात कहते नजर आये । मगर हैरत है कि यहां जनता इन सब से बेखबर ही है या बेहद चैकन्नी हो चली है ।
चूंकि बीते २०१२ के चुनाव मे उसने बडा भारी धोखा खाया है और अपनी सारी पावर भावावेश मे सपा को देकर झटका खा चुकी है और तो और इस सपा ने जनपद के मीडिया कर्मियों को भी अपने अधिकारी प्रेम के चलते हासियें पर लगा दिया है जिसका कि गैरत मंद मीडिया कर्मी समय पर मुजाहिरा भी करने से नही चूंकेगें वैसे भी एक कहावत सभी को याद है कि अंधे की लाठी एक बार ही खोती है ।
जनपद मे पत्रकारो की अस्मिता और सम्मान को जो ठेस पहुंची है उसे तो कलमकारो ने किसी तरह सह लिया मगर आने वाले समय मे सपा लोक सभा प्रत्याशी के लिये मीडिया का नजरिया काफी सोचनीय रहेगा । चूंकि जनपद की पांचो सीट पर सपा के विधायक होते हुए और उस पर भी सरकार मे होते हुए भी एक अलोकप्रिय अधिकारी को न हटवा पाना आम जनता की नजर मे वैसे भी शर्मनाक बना है । उस पर भी विपक्ष वो भी काफी दमदार क्या हस्र होगा इप सपाई जनप्रतिनिधियों का उस पर भी अन्दर खाने नही खुलेआम मीडिया का विरोध सामने आयेगा तब क्या होगा इसकी कल्पना की जा सकती है ।
जब प्रतिदिन दर्जनो अखबार एक साथ विरोधी माहौल तैयार करने मे जुटेगें तो सहज ही कल्पना की जा सकती है । अभी भी उन दंभी नेताओं को जनता और मीडिया से तालमेल सुधारने की गुंजाईस बाकी है वरना न जनता तब सुनेगी न सोचेगी । यही वही मीडिया है जनता है जिसने पूर्ववर्ती बसपा सरकार के ढांचे को एक झटके मे बैलेट की ताकत से तोडकर दिखा चुकी है अब जनता व मीडिया का टार्गेट २०१४ है ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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