उत्तर प्रदेश के कारागार मंत्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि जेल ‘यातना गृह’ नहीं बल्कि ‘सुधार गृह’ हैं। यह ऐशगाह भी नहीं हैं, जहां बन्दियों को सारी सुख सुविधाएं मिलें। जेल कर्मी संवेदनशील बनें तथा कैदियों के साथ मानवीय व्यवहार रखें ताकि जब वे जेल से बाहर आयें तो अपनी मनोदशा में सुधार पायें और समाज की मुख्य धारा में शामिल हो सकें। जेलों में कैदियों से मुलाकात की व्यवस्था पूर्ण रूप से पारदर्शी हो तथा हर हाल में यह सुनिश्चित किया जाए कि मुलाकात के नाम पर मुलाकातियों से किसी भी तरह का अनुचित लाभ न लिया जाय।
कारागार मंत्री ने आज यहां सचिवालय के तिलक हाल में आयोजित कारागार विभाग की बैठक में जेल अधीक्षकों एवं जेलरों को सम्बोधित करते हुए यह विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि जेल का जीवन बहुत ही कष्टप्रद है, ऐसी स्थिति में जेल कर्मियों को कैदियों के साथ ऐसा व्यवहार करना चाहिए जिससे कैदी को यह महसूस न हो कि उसे यातना दी जा रही है। उन्होंने कहा कि अधिकारी निर्भीक होकर पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करें और किसी के साथ भेदभाव न करें।
श्री चैधरी ने कहा कि जेल मैनुअल के अनुसार कैदियों को भोजन मंे पौष्टिक आहार दिया जाय। इसकी गुणवत्ता से किसी तरह का समझौता नहीं होना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये कि जेलों में निरूद्ध प्रभावशाली बन्दियों एवं भ्रष्टाचारियों को किसी भी तरह की अनुचित सुविधा न दी जाय। यदि कहीं से इस तरह की शिकायत मिली तो संबंधित जेल अधिकारी के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि जेल में समानान्तर व्यवस्था नहीं चलेगी। मुलाकात के लिए अवैध उगाही की शिकायत पाये जाने पर संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति नहीं आनी चाहिए कि मंत्री को छापा डालने की आवश्यकता पड़े।
कारागार मंत्री ने बताया कि वर्तमान परिवेश और आवश्यकताओं को देखते हुए जेल मैनुअल में संशोधन का कार्य कराया जा रहा है ताकि वर्तमान चुनौतियों से निपटा जा सके। उन्होंने कहा कि स्टाफ की कमी को दूर किया जायेगा तथा कारागार कर्मियों की सभी न्यायोचित मांगों पर सम्यक विचार कर निर्णय लिया जायेगा।
कारागार राज्य मंत्री श्री रामपाल राजवंशी ने कहा कि जेलों में साफ-सफाई की व्यवस्था दुरूस्त रखी जाय। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जेल मैनुअल के तहत अनुमन्य डाइट (भोजन) के हिसाब से जेलों को धनराशि उपलब्ध करायी जाय।
प्रमुख सचिव गृह एवं कारागार श्री आर0एम0 श्रीवास्तव ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि निर्माण कार्यों के लिए जो धनराशि उपलबध करायी गयी है वह किसी भी दशा में समर्पित न हो। उन्होंने कहा कि जहां कहीं जेलों में निर्माण कार्य चल रहा है, अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि निर्माण कार्य में सामग्री का उपयोग मानक के अनुसार हो।
इससे पहले महानिरीक्षक कारागार श्री आर0पी0सिंह ने जेल विभाग के कार्यों पर प्रकाश डाला।
बैठक में अपर महानिदेशक कारागार श्री एम0एल0प्रकाश, जिलों से आये जेल अधीक्षक, जेलर एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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