समाजवादी पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व साॅसद बृजभूषण तिवारी की प्रथम पुण्यतिथि पर आज पार्टी मुख्यालय में उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। वक्ताओं ने उन्हें प्रेरणा स्रोत बताते हुए उनकी वैचारिक प्रतिबद्धता तथा कर्मठता की भूरि-भूरि प्रशंसा की और नौजवानों को अन्याय के विरूद्ध उनकी संघर्शशीलता का अनुसरण करने का आव्हान किया।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने सर्वप्रथम श्री तिवारी के चित्र पर माल्यार्पण करने के बाद अपने सम्बोधन में कई भावपूर्ण संस्मरण सुनाए। इस मौके पर प्रदेश प्रवक्ता एवं कारागार तथा खाद्य रसद मंत्री राजेन्द्र चैधरी, अरूण कुमार पानी बाबा, विजय नारायण, मो0 एबाद, विजय यादव, सुनील यादव ने भी तिवारी को श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम में सर्वश्री राजकिशोर मिश्रा, मनोज पाण्डेय, के0सी0 पाण्डेय, शंकर यादव, डा0 फिदा हुसैन अंसारी, ख्वाजा हलीम, प्रदेश सचिव एस0आर0एस0यादव, सुशील दीक्षित तथा अरविन्द यादव की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
अपने सम्बोधन में मुलायम सिंह यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी विचारधारा की पार्टी है। नौजवान इस पार्टी से बड़ी संख्या में जुड़े हैं। समाज में व्याप्त जकड़न, सड़न और राजनीति में भ्रष्टाचार तथा यथास्थितिवाद से निजात पाने के लिए समाजवादी आंदोलन की उपस्थिति समय की मांग है। उत्तर प्रदेश ,जो देश का सबसे बड़ा प्रदेश है, से इस आंदोलन की शुरूआत समाजवादी पार्टी की स्थापना से हुई है। शुरू में कुछ इसके बारे में शंकालु थे पर अब सभी को इस के प्रति विश्वास हो चला है। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की बहुमत की सरकार बनी है जिसने जनहित के कई निर्णय लागू किए हैं। किसानों, नौजवानों, मुस्लिमों के लाभ की कई योजनाएं शुरू हुई हैं। पिछले पांच सालों में प्रदेश बदहाल हुआ, अब विकास का एजेन्डा चल रहा है। इससे पार्टी को नई ऊर्जा मिली है।
श्री यादव ने कहा कि श्री तिवारी नौजवानों के लिए प्रशिक्षण शिविर चलाने में बहुत रूचि लेते थे। पार्टी के आंदोलनों की रणनीति बनाते थे। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठको एवं सम्मेलनों में पेश होनेवाले प्रस्ताव भी वही बनाने में सहयेाग करते थे। श्री तिवारी विद्वान और बहुत ही प्रबुद्ध नेता थे। नौजवानों को भी चाहिए कि वे पढ़ने-लिखने की आदत डालें। अन्य पार्टियों की विचारधाराओं की भी जानकारी लें।
मुलायम सिंह यादव ने कहा कि श्री तिवारी की विशेषता थी कि वे जिसे नेता मानते थे उसके प्रति पूरी निष्ठा रखते थे। देश की जनता को जगाने की उनमें दृढ़ इच्छा थी। उन्होने कहा कि 23 अप्रैल,2012 की शाम श्री तिवारी से भेंट हुई थी और 24 अप्रैल,2012 को उनके असामयिक निधन का दुःखद समाचार मिला। उनका निधन मेरा व्यक्तिगत नुकसान है और समाजवादी पार्टी की भी अपूरणीय क्षति है।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि जनता भाजपा और कांग्रेस की नीतियों से ऊबी हुई हैं। जातीयता और सांप्रदायिकता की ताकतें तीसरे मोर्चे के प्रयासों में अडं़गा डालने का प्रयास करेगी। देश में विचारों का संघर्ष जारी है। ऐसे में लोगों की निगाहें श्री मुलायम सिंह यादव तथा समाजवादी पार्टी पर लगी हैं। इनके माध्यम से ही राजनीतिक परिवर्तन होने का भरोसा है। गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक या जम्मू कश्मीर तथा अन्य कोई प्रदेश हो लोग एकमत हैं कि देश को नई दिशा देने का काम उत्तर प्रदेश से श्री मुलायम सिंह यादव की पहल पर ही प्रारम्भ होगा। श्री अखिलेश यादव युवा नेतृत्व की नई मिसाल बने है।वक्ताओं ने संकल्प लिया कि यह समय देश में समाजवाद की एक वैकल्पिक विचारधारा को स्थापित करने का है। केन्द्र में समाजवादी धारा की सरकार बनने पर ही व्यवस्था परिवर्तन होना सम्भव है। आज देश के समक्ष गंभीर चुनौतियां हैं भूख, गरीबी, अशिक्षा के साथ भ्रष्टाचार का बोलबाला और घोटालों की श्रंृखला से देश की दशा-दिशा दोनों ही बिगड़ी हुई है। लोकसभा के होनेवाले चुनावों से एक अवसर मिलेगा कि सड़ी गली व्यवस्था की जगह नई व्यवस्था को स्थापित किया जा सकें। बदलाव की यह हवा समाजवादी पार्टी की नीतियों, कार्यक्रमों के जरिए ही पैदा होगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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