24 अप्रैल! शिक्षा का राष्ट्रीयकरण कर पड़ोसी विद्यालय प्रणाली लागू करने अद्यतन कार्यरत तदर्थ शिक्षकों एवं प्रधानाचार्यो के विनियमितीकरण, सी0 टी0 ग्रेड से एल0 टी0 ग्रेड में संविलयित शिक्षकों की सी0 टी0 सेवा का लाभ देते हुए वेतन निर्धारण किए जाने, वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों को बैंक से मानदेय दिए जाने, माध्यमिक विद्यालयों में योग्यताधारी मृतक आश्रित की नियुक्ति शिक्षक पद पर कर सेवा कालीन प्रशिक्षण दिये जाने, नवीन पेंशन योजना समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना लागू किए जाने, एल0 टी0 ग्रेड शिक्षकों को समय वेतन ग्रेड हेतु परास्नातक योग्यता की बाध्यता समाप्त किए जाने, मा0 शि0 परि0 की परीक्षाओं में प्रत्येक स्तर पर पारिश्रमिक दरों में सी0 बी0 एस0 ई0 बोर्ड के समान किए जाने, विषय विशेषज्ञ शिक्षकों को उनकी सेवा का लाभ दिए जाने व व्याव0 शिक्षकों को स्थाई शिक्षक का दर्जा दिए जाने, अर्हताधारी शिक्षणेत्तर कर्मियों को शिक्षक का दर्जा दिए जाने, सी0 टी0 ग्रेड की विसंगति समाप्त किए जाने, व्याव0 एवं कम्प्यूटर प्रशिक्षकों को शिक्षक का दर्जा दिये जाने, माध्यमिक शिक्षा परिषद का पुनगर्ठन किए जाने, तथा राज्यकर्मचारियों की भाॅति माध्यमिक शिक्षको को चिकित्सीय सुविधा दिये जाने तथा प्रदेश के मा0 विद्यालयों में अधिसंख्य घोषित दिए गए लगभग 17000 शिक्षकों को,उस आदेश को तत्काल वापस लिए जाने आदि 14 सू़त्रीय मांगपत्र पर प्रदेश सरकार द्वारा कोई सकारात्मक रूख अब तक न प्रदर्शित किए जाने पर, उ0 प्र0 माध्यमिक शिक्षक संघ एवं उसे समर्थन दे रहे संगठनों ने अपने निर्धारित कार्यक्रम ष्मूल्यांकन बहिष्कारष् पर अडिग रहने का निर्णय लिया है
आज प्रेस क्लब में, मीडिया से वार्ता करते हुए उ0 प्र0 मा0 शिक्षक संघ के प्रदेशीय मंत्री एवं प्रवक्ता डा0 महेन्द्र नाथ राय,संयुक्त शिक्षक संघर्ष मोर्चा के संयोजक तेजनारायण पाण्डेय एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री मुजतवा हुसैन, जिलाध्यक्ष निर्मल कुमार श्रीवास्तव, मण्डलीय मंत्री सुशील त्रिपाठी ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि सत्ता मद ने वर्तमान सरकार को मानवीय एवं नैतिक संवेदनाओ से काफी दूर कर दिया है, और अब सरकार जनसमस्याओ एवं आकांक्षाओं की ओर ध्यान नही दे रही है।
शिक्षक नेताओ ने कहा कि 25 अप्रैल से मा0 शि0 परिषद कीे हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट की परीक्षाओं की पुस्तिकाओं का मूल्याकंन प्रारम्भ होने जा रहा है, संगठन ने बहुत पूर्व ही मा0 मुख्यमंत्री /सचिव कों शिक्षकों की समस्याओं पर सकारात्मक निदान हेतु यदि निर्णय नहीं लिया जाता है तो मूल्यांकन बहिष्कार की चेतावनी दी थी किन्तु अभी तक इस पर कोई भी सकारात्मक निर्णय नहीं हो सका है। जबकि सरकार मात्र आश्वासन ही देती रही हैैै। अब शिक्षक समाज मात्र आश्वासनों पर विश्वास नहीं कर सकता। अब सरकार को कोई ठोस कदम उठाना होगा।
शिक्षक नेताओ नें आज समाचार पत्रांे में प्रकाशित संयुक्त शिक्षा निदेशक लखनऊ के इस बयान- कि उन्हें किसी भी संगठन के द्वारा लिखित रूप से मूल्याकंन वहिष्कार सम्बन्धी कोई सूचना प्राप्त नही हुयी हैं, को भ्रामक बताते हुए
कहा है कि यह संगठन का प्रादेशिक स्तर पर लिया गया फैसला है तथा इसकी सूचना शासन के उच्व स्तर तक के अधिकारिओं को है। आप के समाचार पत्रों के माध्यम से पूरे प्रदेश को वहिष्कार की जानकारी है। जबकि इस तरह बयान हास्यास्पद है।
डा0 महेन्द्र नाथ राय नें मीडिया को बताया कि प्रदेश की वर्तमान सरकार के समक्ष इस समय ’लक्ष्य 2014’को पूरा करने का एक मात्र लक्ष्य है , किन्तु जिन लोगों ने इस सरकार को प्रदेश में पदासीन करने का कार्य किया है यदि सरकार उन्हीं की अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतरी तो ’लक्ष्य 2014’ मात्र ’दिवा स्वप्न’ ही रह जाएगा।
शिक्षक नेताओं ने कहा कि सरकार किसी मुगालते में न रहंे, सरकारें हवा में नहीं बना करती, यदि प्रदेश की सरकार ’लक्ष्य 2014’ को साकार करना चाहती है, तो उसें त्वरित एवं सकारात्मक निर्णय लेने होगे।
शिक्षक नेताओं ने कहा कि संगठन अपने मूल्यांकन वहिष्कार के निर्णय पर तबतक अडिग है जबतक शासन की ओर से संगठन के संधर्ष के परिपेक्ष्य में स्पष्ट निर्णय लेकर उसकी सकारात्मक घोषणा नहीं हो जाती।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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