22 अप्रिल, 2013 को उ0प्र0 उद्यान अधिकारी एसोसिएषन की बैठक श्री चन्द्र भूषण पाण्डेय की अध्यक्षता में एसोसिएशन के कार्यालय में सांयकाल सम्पन्न हुई। बैठक में निम्नानुसार समस्याओं पर यह सहमति बनी की शासन को तत्काल कार्यवाही के लिए लिखा जायेः-
1. विभागीय निदेषक की तैनाती की जाय।
2. अपर-निदेषक के रिक्त पद के सापेक्ष यथाषीघ्र पदोन्नति की जाये।
3. उत्तराखण्ड राज्य के लिए आवंटित अधिकारियों के अल्प सेवाकाल को देखते हुए उनके प्रकरण पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाये ताकि उनके वेतन निर्धारण/ए0सी0पी0, पदोन्नति तथा अवकाष उपरान्त मिलने वाले लाभों पर सकारात्मक निर्णय लिया जा सके।
4. लगभग एक वर्ष से रिक्त चल रहे संयुक्त निदेषक (प्रषासन) के पद पर, तैनाती करवायी जाय।
5. जिला उद्यान अधिकारी संवर्ग में एक साथ-दो-दो वेतनमान की विसंगति समाप्त करने हेतु प्रस्ताव मंत्रिमंण्डल को प्रेषित किया जाय।
6. प्रदेष के जनपदों एवं मण्डलों में अधिकारियों की तैनाती उनकी योग्यता/वरिष्ठता को दृष्टिगत रखते हुए किया जाये। मण्डलीय मुख्यालयों पर अनिवार्य रूप से लोक सेवा आयोग से सीधी भर्ती से आये अधिकारियों की ही तैनाती की जाये। प्रभारी जिला उद्यान अधिकारियों की परम्परा समाप्त की जाये। प्रभारी जिला उद्यान अधिकारी के प्रभार देने की अपरिहार्यता की दषा में उन्हे 8 विकास खण्डों या उससे कम विकास खण्ड वाले जिलों का ही प्रभार दिया जाये। प्रभार देते समय वरिष्ठ उद्यान, निरीक्षको की वरिष्ठतो, वरिष्ठता सूची से एक उच्च स्तरीय समिति द्वारा साक्षातकार के आधार पर तैनाती की जाय। जिसमें विषेष रूप से वरिष्ठता, प्रषासनिक क्षमता तथा सत्यनिष्ठा का परीक्षण कर लिया जाय।
7. जिला उद्यान अधिकारियों को बीज निरीक्षक की शक्तियाॅ प्रदान की जाय। सब्जी बीज दुकानों की लाइसेंसिंग शक्तियाॅ प्रदान किया जाय।
8. अधिकारियों की ए0सी0पी0 के प्रस्ताव/प्रकरण लम्बे समय से लंबित हैं, उसका निराकरण करवाया जाय।
9. निवेषों के क्रय में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के स्थान पर निविदा प्रणाली अपनाया जाय ताकि प्रतिस्पर्धी मूल्यों पर गुणवत्तायुक्त सामाग्री कृषको को मिल सके। निविदा में मूल उत्पादकों को ही सम्मिलित किया जाय।
10. वित्तीय अनुषासन बनाये रखने के लिए जनपद में तैनात सहायक लेखाकारों/लेखाकारों को जिम्मेदार बनाया जाय तथा वित्तीय अनिमितता की दषा में उनकी की भी जवाबदेही निष्चित की जाय।
11. औद्यानिक विकास शाखा के समूह ‘ख’ ग्रेड-1 के अधिकारियों की अद्यतन पारस्परिक ज्येष्ठता सूची प्रख्यापित किया जाय।
12. प्रत्येक विकास-खण्ड मुख्यालय पर कार्यालय स्थापित कर न्यूनतम एक उद्यान निरीक्षक की व्यवस्था किया जाय।
13. वन महोत्सव की तर्ज पर बागवानी महोत्सव मनाया जाय जिसमें एक पक्ष यानि 15 दिवस का विषेष फलोद्यान रोपण अभियान चलाया जाय।
14. जिला उद्यान अधिकारियों के रिक्त पदों के सापेक्ष लम्बित पदोन्नति यथाषीघ्र सम्पन्न किया जाय।
15. पी0सी0एस0 परीक्षा के माध्यम से जिला उद्यान अधिकारी के पद पर चयनित अधिकारियों की यथाषीघ्र ज्वाइनिंग करवायी जाय।
16. उद्यान एवम् खाद्य प्रसस्करण निदेषालय में जिला उद्यान अधिकारियों के 8 पद सृजित हैं उस पर अधिकारियों की तैनाती किया जाय ताकि विभागीय योजनाओं की प्रभावी मानिटरिंग हो सके।
17. सूचनाओं का तीव्र प्रवाह सुनिष्चत करने के लिए जनपद मुख्यालय, मण्डल मुख्यालय पर सांख्यिकी संवर्ग के कर्मचारियों की तैनाती की जाय।
18. उपनिदेषकों को जिला उद्यान अधिकारियों के प्रषासनिक/वित्तीय प्रभार देने यथासंभव बचा जाय क्योकि इससे, अनुश्रवण/सत्यापन/मूल्यांकन कार्य प्रभावित होते है। जनपदों का अतिरिक्त प्रभार सिद्धान्त रूप में निकटतम जिला उद्यान अधिकारियों को दिया जाय।
19. औद्यानिक विकास शाखा एवं प्रयोग एवं प्रषिक्षण शाखा के अधिकारियों की शैक्षिक अर्हता, भर्ती की विधि, कार्य इत्यादि पूर्णतया पृथक होने के कारण दोनो के मध्य परस्पर स्थानान्तरण अनुज्ञेय नही है। ऐसा विभाग के पूर्व प्रमुख सचिवों ने अनेक बार स्पष्ट किया है। अतः इस अनियमितता को रोका जाये।
20. विभाग में, श्रेणी-1, श्रेणी-2, श्रेणी-3, एवम् श्रेणी-4 के लिए स्वीकृत पद के सापेक्ष, सीधी भर्ती एवं पदोन्नति के अनेक पद रिक्त चल रहे हैं, इसे यथा शीघ्र भरा जाय।
21. औद्यानिक प्रयोग एवम् प्रषिक्षण केन्द्रो को सुदृढ किया जाय ताकि प्रयोग एवम् प्रषिक्षण के केन्द्र अपने दायित्व का प्रभावषाली निर्वहन कर सके।
22. जनपद स्तर पर प्रषिक्षण अवसंरचना यथा प्रोजेक्टर इत्यादि की व्यवस्था किया जाय।
23. श्री ओम नारायण सिंह आई0ए0एस0, निदेषक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्सकरण उ0प्र0 लखनऊ को हटाते हुए उनके कार्यकाल की निष्पक्ष जाॅच करायी जाय।
24. दिनांक 24.12.2011 को संयुक्त सचिव उद्यान एवं अध्यक्ष उ0प्र0 उद्यान अधिकारी एसोसिएषन, अध्यक्ष/महामंत्री अधीनस्थ उद्यान सेवा संघ लखनऊ के प्रमुख सचिव उद्यान के निर्देष पर हुए समझौते के बिन्दु क्रमांक 6, 7, 8, 9 पर समयबद्ध कार्यवाही की जाय।
25. प्रत्येक जनपद में औद्यानिक गतिविधियों के प्रचार-प्रसार तथा प्रषिक्षण हेतु एक औद्यानिक तकनिकी प्रदर्षन केन्द्र स्थापित किया जाय। जहाॅ समस्थ मार्डन मषीनरी/तकनिकी प्रदर्षित की गयी हो।
26. पी0सी0एस0 परीक्षा 2001, ज्वाइंनिंग वर्ष 2005 के जिला उद्यान अधिकारियों का स्थायीकरण किया जाये।
27. अतिरिक्त प्रभार के लिए स्पष्ट दिषा निर्देष जारी किया जाय यथा सम्भव वरिष्ठ पदाधिकारियों को कनिष्ठ का प्रभार न दिया जाय। 8 से 10 अधिष्ठानों का प्रभार लिए हुए अधिकारियों की समीक्षा किया जाय।
28. प्रयोग एवं प्रषिक्षण शाखा के समूह ‘ख’ के अधिकारियों की पदोन्नति में विभिन्न उप अनुभागों की दीवार को तोड़ते हुए एक संयुक्त ग्रेडेषन लिस्ट बनायी जाये ताकि सभी अधिकारियों को संतुलित कैरियर विकास का अवसर मिल सके।
29. चित्रकूट धाम मण्डल बांदा तथा अलीगढ़ मण्डल अलीगढ़ में उपनिदेषक उद्यान का पद सृजित किया जाय, तथा तथा इस अवधि में वहां वरिष्ठता के आधार पर जिला उद्यान अधिकारी की तैनाती करके प्रभारी उपनिदेषक का अतिरिक्त प्रभार दे दिया जाय।
30. सेवा नियमावलियों में परिवर्तन करते हुए श्रेणी-1 स्तर पर औद्यानिक विकास शाखा तथा प्रयोग एवं प्रषिक्षण शाखा की संयुक्त वरिष्ठता सूची की व्यवस्था को बदलते हुए दोनों संवर्गों की पृथक वरिष्ठता सूची बनायी जाय।
31. उन्नत पौध उत्पादक पौधषालाओं तथा बीज उत्पादन औद्यानिक प्रक्षेत्रों का आधुनिकीकरण किया जाय तथा इसकी गुणवत्ता प्रबन्धन/अनुश्रवण के लिए प्रदेष के समस्त जनपदों को, औद्यानिक प्रयोग एवं प्रषिक्षण केन्द्रों, मलिहाबाद, खुषरूबाग, बरूआसागर, सहारनपुर तथा बस्ती के मध्य बाॅट दिया जाय। ताकि उन्नत पौध एवं बीज की मांग के लिए आत्मनिर्भर हो सके।
32. राज्य स्तर पर एक उन्नत औद्यानिक प्रषिक्षण केन्द्र की स्थापना किया जाय तथा विभाग के औद्यानिक प्रयोग एवं प्रषिक्षण केन्दों को समुन्नत किया जाय तथा विभागीय योजनाओं के प्रषिक्षण कार्य इस संस्था से ही कराया जाय।
33. विभाग में एक अभियांत्रिकी खण्ड की स्थापना किया जाय, जिससे विभागीय सिविल/यात्रिक कार्यो को गति मिलेगी। इसमें मण्डल स्तर पर सहायक अभियन्ता तथा मुख्यालय में अधिषासी अभियन्ता इत्यादि पदों को सृजित किया जाय।
34. प्रत्येक जनपद में जिला उद्यान अधिकारियों को वाहन उपलब्ध कराया जाय।
35. नान-प्लान्ड बजट का आवंटन वस्तुनिष्ठता तथा निष्पक्षता के आधार पर किया जाय।
36. नव-सृजित जपनदों में, अवसंरचना विकास तथा स्टाफिंग पैटर्न की समीक्षा करते हुए न्यूनतम मानक व्यवस्था किया जाय।
37. विभिन्न जपनदों में वर्षों से स्थापित लिपिकों/लेखाकारों की मण्डल स्तरीय/अन्तर मण्डलीय स्थानान्तरण किया जाय।
38. औद्यानिक विकास शाखा के अधिकारियों की जाॅच शोध शाखा/सांख्यिकी शाखा से न कराते हुए, औद्यानिक विकास शाखा या अन्य प्रषासनिक अधिकारियों से कराया जाय।
बैठक में प्रमुख रूप से एस0 के0 गुप्ता, जयकरण सिंह, बलजीत सिंह अनीस कुमार श्रीवास्तव, अवनीश कुमार, मुन्ना यादव, मुकेश कुमार, पूजा गुप्ता, गीता त्रिवेदी, देवेश कुमार वर्मा, के0 के0 नीरज, डा0 आर0 के0 पाल, राजमणि शर्मा आदि पदाधिकारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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