23 अप्रैल, 2013
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने कहा है कि शिक्षा भविष्य के लिए निवेश है। शिक्षा ही वह माध्यम है जिसके जरिए आर्थिक विकास संभव है और निर्बल एवं गरीब वर्ग के व्यक्ति भी अपनी सामाजिक और आर्थिक स्थिति सुधार सकते हैं। उन्हांेने कहा कि लगभग 1.70 लाख अप्रशिक्षित शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापकों की रिक्तियों के सापेक्ष समायोजित करने वाला उत्तर प्रदेश देश का प्रथम राज्य बनेगा। उन्होंने कहा कि लगभग
46 हजार शिक्षा मित्रों का प्रशिक्षणोरान्त जून 2015 तक सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित करा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार विगत 10-12 वर्षाें से कार्यरत 1.70 लाख शिक्षा मित्रों को दूरस्थ विधि से दो वर्षीय बी0टी0सी0 प्रशिक्षण दिलाने के उपरान्त रिक्त सहायक अध्यापक के पदों पर समायोजित करने का ऐतिहासिक निर्णय प्रदेश सरकार द्वारा गत वर्ष लिया गया है, जिसके सापेक्ष वर्तमान वित्तीय वर्ष के अन्त तक लगभग
60 हजार शिक्षा मित्रों का प्रशिक्षणोपरान्त समायोजन करा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने विशेष प्रयास कर 72825 बीएड पास एवं टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की प्रशिक्षु अध्यापक के रूप में नियुक्ति एवं छः माह की विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षणोपरान्त सहायक अध्यापक के नियमित पद पर नियुक्ति हेतु समय सीमा को 01 जनवरी, 2012 बढ़ाकर 31 मार्च, 2014 कराई गई है। उन्होंने कहा कि विधिक अड़चनों के दूर होते ही आगामी दो-तीन माह में इनकी नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण कराने के प्रयास किए जाएंगे।
मुख्य सचिव आज इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित ‘शैक्षिक नियोजन एवं प्रशासन’ विषय पर शिक्षा अधिकारियों की राज्य स्तरीय संगोष्ठी पर अपने उदगार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लगभग समस्त विद्यालयों में पेयजल एवं शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराई जा चुकी है। उन्होंने कहा कि अवस्थापना सुविधाओं के साथ-साथ विद्यालयों में पर्याप्त प्रशिक्षित एवं योग्य अध्यापक उपलब्ध कराना भी एक बड़ी चुनौती है, जिसको पूरा करने के लिए नियोजित तरीके से युद्धस्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने दूसरी शिक्षक पात्रता परीक्षा आगामी जून माह में आयोजित कराने हेतु कार्यवाही प्रारम्भ कर दी है, जिसके उपरान्त प्रदेश में वर्तमान वित्तीय वर्ष 2013-14 के अन्त तक काफी हद तक अध्यापकों की कमी दूर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि 06-14 आयु वर्ग के समस्त बच्चों के नामांकन को सुनिश्चित कराने के लिए शैक्षिक सत्र 2013-14 मंे 31 मई तक स्कूल चलो अभियान कार्यक्रम संचालित कराए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि स्कूल से बाहर बच्चांे को चिन्हित करने का विशेष अभियान जून माह में चलाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्राथमिक स्तर (1 से 5) के स्कूल से बाहर बच्चों के लिए विशेष संघनित पाठ्यक्रम तथा प्रशिक्षण माॅडयूल तैयार करा लिया गया है तथा उच्च प्राथमिक स्तर (6-8) के लिए विषयवार संघनित पाठ्यक्रम तैयार कराया जा रहा है।
श्री उस्मानी ने कहा कि प्रदेश के सभी डायट में प्रवक्ता तथा वरिष्ठ प्रवक्ता के रिक्त पदों को शीघ्र लोक सेवा आयोग के माध्यम से भरने की कार्यवाही प्रारम्भ करने के निर्देश दिए गए हैं, आशा है कि वर्ष 2014 तक यह कार्यवाही पूर्ण हो जाएगी। उन्होंने कहा कि
38 जनपदों के अल्पसंख्यक, बाहुल्य तथा अनुसूचित जाति बाहुल्य ब्लाॅक में, ब्लाॅक इंस्टीट्यूट आॅफ टीचर एजुकेशन की स्थापना की कार्यवाही कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षक प्रशिक्षण व्यवस्था को और चुस्त-दूरस्त बनाकर शिक्षा की गुणवत्ता को और अधिक बेहतर बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े विकास खण्डों में अपवंचित वर्ग की बालिकाओं के लिए शिक्षा व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने हेतु संचालित 746 कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में उच्च प्राथमिक स्तर की आवासीय शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मेडिकल एसेसमेन्ट कैम्प आयोजित कराकर बच्चांे का चिकित्सीय प्रशिक्षण तथा विकलांगता प्रमाण पत्र बनवाने की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि आशीर्वाद योजना के तहत विगत 01 फरवरी से समस्त स्कूली बच्चों का नियमित स्वास्थ्य प्रशिक्षण कराने के भी निर्देश दिए गए हैं।
मुख्य सचिव ने कहा कि उच्च प्राथमिक स्तर की शिक्षा पूर्ण करने वाले विद्यार्थियों की पहुंच माध्यमिक स्तर के विद्यालयों तक करने के लिए राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अन्तर्गत प्रत्येक 05 किमी0 के अन्तर पर एक हाईस्कूल की स्थापना कराने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े विकासखण्डों में माॅडल स्कूल की स्थापना कराने के साथ-साथ राजकीय विद्यालयों में आधारभूत सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण, अतिरिक्त कक्षा-कक्ष पुस्तकालय तथा प्रयोगशाला आदि का निर्माण कराया जा रहा है। उन्हांेने कहा कि माध्यमिक स्तर की शिक्षा को अधिक गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए पहली बार माध्यमिक स्तर पर सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कराने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए संचालित कन्या विद्याधन योजना के अन्तर्गत आर्थिक रूप से कमजोर कक्षा 12 उत्तीर्ण बालिकाओं को 30 हजार रुपये का अनुदान दिलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने देश मंे पहली बार छात्रों को नवीन सूचना और संचार तकनीकी से परिचित कराने के लिए कक्षा 12 उत्तीर्ण कर उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र-छात्राआंे को निःशुल्क लैपटाॅप तथा कक्षा 10 उत्तीर्ण कर कक्षा 11 मंे अध्ययनरत छात्र-छात्राआंे को निःशुल्क टैबलेट वितरण की योजनान्तर्गत 50 लाख छात्र-छात्राएं लाभान्वित कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक स्तर पर संचालित विभिन्न योजनाओं के सफल क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण का कार्य सुनिश्चित करें। ताकि समस्त विद्यार्थियों को संचालित योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ मिल सके तथा सबके लिए शिक्षा के साथ-साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की संकल्पना को साकार किया जा सके।
संगोष्ठी में मा0 मंत्री बेसिक शिक्षा श्री रामगोविन्द चैधरी, मा0 राज्यमंत्री बेसिक शिक्षा श्री योगेश प्रताप सिंह, कैलाश चैरसिया, श्री वसीर अहमद, माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री श्री विजय बहादुर पाल, कुलपति, एनयूईपीए, प्रो0 आर गोविन्दा, एनयूईपीए की प्रो0 नज़मा अख्तर, प्रो0 ए0सी0 मेहता, प्रमुख सचिव बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा श्री सुनील कुमार सहित अन्य शिक्षाविद्ों ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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