अपने 8 सूत्रीय माँग पत्र के साथ, जिसकी प्रमुख माॅगें निम्न है- 1- आशा कर्मियों को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाय। 2- सरकारी कर्मचारी घोषित न किए जाने तक 15वें भारतीय श्रम सम्मेलन द्वारा तय न्यूनतम वेतन रू0 15000/- प्रतिमाह दिया जाए। 3- अस्पतालों तक आने-जाने के लिये यात्रा भत्ता 2000/- रू0 प्रतिमाह दिया जाय। 4- प्रत्येक अस्पताल में आशा कर्मियों को उठने-बैठने के लिए एक आशा-कक्ष की व्यवस्था की जाए। 5- आशा कर्मी की मृत्यु पर उसके आश्रितों को रू0 5 लाख का मुवावजा दिया जाय। 6- वर्षो से बकाया भुगतान अविलम्ब किया जाय। 7- आशा कर्मियों द्वारा किये गये कार्य का भुगतान एक सप्ताह के अन्दर किया जाय। 8.- 1 मई को राजपत्रित अवकाश घोषित किया जाए।, उ0 प्र0 की आशा कर्मी संघर्ष की राह पर हैं। उन्होंने अपनी मागों को मुख्यमंत्री के समक्ष रखने के लिये 1 मई को अन्तर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर विधान सभा पर प्रदर्शन की तैयारी पूरी कर ली है। सभी जिलों एवं ब्लाकों में बैठक कर तैयारी की गई है। 1 मई को प्रातः 11 बजे चारबाग रेलवे स्टेशन पर एकत्रित होकर रैली के रूप में विधान सभा के लिये मार्च करेगीं। विधान सभा पर पहुँच कर रैली एक सभा मे ंतब्दील हो जायेगी। सभा को आशा यूनयिन के प्रदेश अध्यक्ष का0 वालेन्द्र कटियार, महामंत्री अर्चना भोसले, ए0आई0यू0टी0यू0सी0 के प्रदेश अध्यक्ष का0 राजबली, सचिव का0 विजय पाल सिंह एवं ए0आई0यू0टी0यू0सी0 के राष्ट्रीय सचिव मण्डल सदस्य का0 अचिन्त्य सिन्हा मुख्य वक्ता के रूप मे ंसम्बोधित करेंगें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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