भारतीय जनता पार्टी ने अखिलेश सरकार से सवाल किया कि वह पूर्ववर्ती बसपा सरकार के आरोपियों पर नरमी क्यों बरत रही है? पार्टी के राज्य ईकाई के प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि लोकायुक्त जांच रिपोर्ट में कार्यवाही, प्राथमिकी तक दर्ज करने की अनुशंसा के बावजूद भ्रष्टाचार के मामलों की जांच रिपोर्टो को आखिर क्यों लटकाया जा रहा है। प्रदेश में भ्रष्टाचार और गुण्डागर्दी चरम पर है। भ्रष्टाचार के कई गम्भीर मामलों की जांच की पत्रावलीयां उच्च स्तर पर राजनैतिक कारणों से लंम्बित है।
पार्टी के राज्य मुख्यालय पर सोमवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि अपने चुनावी घोषणा पत्र के वादे को पूरा करने का ढि़ढोरा पिटने के लिए प्रदेश भर में 23 अप्रैल को जश्न मना रही सपा को जवाब देना होगा कि भ्रष्टाचार पर दृढ संकल्प के साथ अंकुश लगाने की बात करने वाली, पिछले पांच वर्ष में हुए भ्रष्टाचार की जांच एक आयोग के द्वारा निश्चित समय सीमा के अंतर्गत कराने की बात करने तथा लोकायुक्त को मजबूत, बहुसदस्यीय बनाने, आर्थिक अनुसंधान पुलिस को लोकायुक्त के नियंत्रण में करने की बात वह क्यों भूल गई ? आज स्थिति ठीक उसके उलटे है। बसपा राज में हुए घपले-घोटालों का तमाम जांचे लंबित है। दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की बात करने वाली अखिलेश सरकार भ्रष्टाचार के मामलो की जांच को लेकर गम्भीर क्यों नही है ?
भाजपा प्रवक्ता ने कहा बसपा सरकार के दौरान प्रदेश में एन.आर.एच.एम., नोएडा फार्म हाऊस घोटाला, चीनी मिलों को बेचने और उद्यान व स्मारकों के निर्माण कार्यो में लाखों करोड़ के घोटालों को अंजाम दिया गया। भाजपा द्वारा मायाराज में हुए घपले घोटालों को तथ्यात्मक ढंग से उजागर करते हुए लोकायुक्त से जांच करने की मांग की गई। शिकायतों पर लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार के मामलों की जांच शुरू की तो बसपा सरकार के कई मंत्री भ्रष्टाचार के संगीन मामलों में लिप्त पाये गये।
श्री पाठक ने कहा कि सपा सरकार लोकायुक्त जांच में फंसे पिछली सरकार के कई मंत्रियों व बसपा नेताओं की मदद में जुटी हुई है। लोकायुक्त के मीडि़या मे आये बयानों से भी यह साबित होता है कि सपा सरकार भ्रष्टाचार के मामलों की जांच को लेकर कार्यवाही से बच रही है। उन्होने कहा अखिलेश सरकार के वरिष्ठ काबीना मंत्री शिवपाल सिंह यादव द्वारा सार्वजनिक रूप से यह कहना कि “यदि सही से जांच हो जाती तो पूर्व मुख्यमंत्री और कई अन्य बसपा नेता जेल मे होते “ और लोकायुक्त द्वारा यह कहना कि “अगर जांच ऐजेन्सियां ईमानदारी से काम करती तो कई पूर्व मंत्रियों के खिलाफ कार्यवाही हो चुकी होती “ से स्पष्ट है कि न ठीक से जांच हो रही, न ही जांच ऐजेंसियां ठीक से काम कर रही है
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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