उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण एवं हज मंत्री तथा राज्य हज समिति के अध्यक्ष मोहम्मद आज़म खाॅं ने सेंट्रल हज कमेटी के कार्यालय को मुम्बई से हटाकर नयी दिल्ली या फिर लखनऊ में शिफ्ट किये जाने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि चूंकि अब समुद्री जहाज से हज यात्री नहीं जाते हैं इस लिये सेंट्रल हज कमेटी को मुम्बई में बनाये रखने का कोई औचित्य नहीं है। बेहतर होगा कि इसके कार्यालय को लखनऊ स्थानांतरित कर दिया जाये क्योंकि देश में उत्तर प्रदेश से ही सर्वाधिक हज यात्री जाते हैं।
श्री खाॅं आज यहां साइन्टिफिक कन्वेंशन सेंटर में हज-2013 के सिलसिले में यू0पी0 से जाने वाले हज यात्रियों के चयन के लिये आयोजित ‘कुरा’ (लाटरी) के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब में भारत के हज यात्रियों के साथ जो बद्सुलूकी की जाती है और इस कारण उन्हें जिन परेशानियों का सामना करना पड़ता है उन्हें दूर करने के लिये वे प्रयत्नशील हैं। इसी सिलसिले में एक राष्ट्रीय सम्मेलन प्रस्तावित था, लेकिन किन्ही कारणों से इस बार इसका आयोजन नहीं हो पा रहा है। आगामी वर्ष इस तरह का आयोजन अवश्य पर किया जायेगा और इस अवसर भारत में सऊदी अरब के राजदूत को भी आमंत्रित करने की पूरी कोशिश की जायेगी।
खादिमुल हुज्जाज के मसले पर श्री आज़म खाॅं ने कहा कि वह सरकारी कर्मचारियों के स्थान पर मस्जिदों के इमाम, मुअजि़्जन व मदरसों के टीचरों को खादिमुल हुज्जाज के तौर पर सऊदी अरब भेजे जाने की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन सेंट्रल हज कमेटी व केन्द्रीय सरकार के संबंधित विभाग इस पर उचित ध्यान नहीं दे रहें हैं। उन्होंने कहा कि पहंुच वाले सरकारी कर्मचारी खादिमुल हुज्जाज के रूप में अपना चयन करवा लेते हैं लेकिन सऊदी अरब पहुंच कर ये लोग हज यात्रियों का कोई ध्यान नहीं रखते हैं, बल्कि उन्हें और परेशान करते हैं। इसलिये बेहतर होगा कि सुयोग्य गरीब मुसलमानों को इस काम के लिये चयनित किया जाये। ये लोग न सिर्फ हज यात्रियों की खिदमत करेंगे बल्कि उनको स्वयं भी हज करने का मौका मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा वक्त के हुक्मरानों ने हज जैसी महत्वपूर्ण धार्मिक यात्रा को एक करोबार बना लिया है, जो कि किसी भी तरह से उचित नहीं है।
श्री आजम खाॅं ने कहा कि आज सम्पन्न लाटरी में प्रदेश के केवल 11 जिलों के आवेदकों में से ही चयन किया गया है, जबकि 59 जिलों मंे हज के लिये आवेदन करने वालों की संख्या कोटे के अन्दर होने की वज़ह से सभी का चयन स्वतः हो गया है। उन्होंने कहा कि इस बार पूरे प्रदेश से 34,855 आवेदन प्राप्त हुये, जब कि इस बार प्रदेश का शुरूआती कोटा 32,214 है। उन्होंने कहा कि इस साल आवेदन करने वालों में 1998 लोग रिजर्व श्रेणी के हैं इसलिये उन्हें लाटरी के बिना ही चयनित किया गया है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की है कि इस बार सभी आवेदकों को हज पर जाने का मौका मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि इस बार 24 ऐसे आवेदन निरस्त किये गये हैं जिसमें आवेदकों ने पूर्व में हज पर न जाने संबंधी शपथ पत्र दिया था, लेकिन जांच में पाया गया कि वे पूर्व में हज कर चुके हैं। उल्लेखनीय है कि इस बार से जीवन मंे केवल एक ही बार हज करने की अनुमति का प्राविधान किया गया है।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में आवेदकों के अलावा राज्य हज समिति के सदस्यगण, अल्पसंख्यक कल्याण सचिव श्रीमती लीना चैहरी व राज्य हज समिति के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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