लगभग एक वर्ष से अधिक के समाजवादी पार्टी के शासनकाल में उत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यकों के हित में योजनाओं को लागू करना तो दूर विगत विधानसभा चुनाव में वोट के खातिर मुस्लिम समाज से किये गये वादों को दरकिनार करके सपा सरकार द्वारा केन्द्र सरकार से अल्पसंख्यकों के कल्याण से जुड़ी योजनाओं में मिले धन का भी उपयोग नहीं किया गया है। यही कारण है कि कल लखनऊ में मुस्लिम धर्मगुरूओं को सम्मानित करने वाले कार्यक्रम में एक ओर जहां प्रमुख धर्मगुरू ने बहिस्कार किया तथा दूसरी ओर विगत विधानसभा चुनाव में मौलाना अब्दुल बुखारी द्वारा समाजवादी पार्टी की तारीफों के पुल बांधे जा रहे थे लेकिन कल समाजवादी पार्टी के गढ़ में जाकर उन्हीं मौलाना बुखारी द्वारा यह कहना कि सपा ने मुसलमानों को छला है। इससे यह साबित होता है कि सपा का मुस्लिम प्रेम सिर्फ एक ढोंग मात्र है।
उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वीरेन्द्र मदान ने आज यहां जारी बयान में प्रदेश सरकार से मांग की है कि वह प्रधानमंत्री के 15सूत्रीय कार्यक्रमों के अन्तर्गत चल रही योजनाओं में केन्द्र सरकार द्वारा अल्पसंख्यक कल्याण के लिए दिये गये सैंकड़ों करोड़ रूपयों के उपयोग के बारे में एक श्वेतपत्र जारी करके यह स्पष्ट करे कि प्रदेश सरकार द्वारा इस धन का किस तरह से अल्पसंख्यकों के हित में उपयोग किया गया है।
श्री मदान ने सवाल किया कि प्रदेश सरकार द्वारा पिछले एक वर्ष में केन्द्र सरकार द्वारा अल्पसंख्ययक समुदाय के हितों में चलायी जा रही योजनाओं जैसे-मार्जिन मनी ऋण योजना, शैक्षिक ऋण योजना, माइक्रो फाइनेंस योजना, स्वयं सेवी समूहों को बढ़ावा देने के लिए ब्याजमुक्त कर्ज, उद्योग लगाने के लिए टर्म लोन योजना एवं महिला समृद्धि योजना में कितनी आर्थिक सहायता लाभार्थियों को उपलब्ध करायी गयी है? इसी प्रकार अल्पसंख्यकों के व्यावसायिक प्रशिक्षण, कारीगरों को बाजार मुहैया कराने में सहायता तथा डिजाइन विकास एवं योग्यता व क्षमता को बढ़ाने हेतु कितनी आर्थिक सहायता की गयी? राज्य सरकार को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि व्यावसायिक एवं तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने के लिए छात्रवृत्ति प्रदान करने हेतु कितना धन, कितने छात्रों को उपलब्ध कराया गया? इसी प्रकार अल्पसंख्यकों की बाहुल्यता वाले जिलों में बहुक्षेत्रीय विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत राज्य सरकार ने कितना विकास कराया है? प्रदेश सरकार को साथ ही यह भी स्पष्ट करना होगा कि दसवीं कक्षा के बाद पीएच.डी. करने तक जो छात्रवृत्तियां केन्द्र सरकार द्वारा जारी की गयी हैं उसमें से कितना धन लाभार्थियों तक पहुंचा है?
प्रवक्ता ने कहा कि यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि उपरोक्त लगभग सभी योजनाओं में अधिक धन केन्द्र सरकार द्वारा मुहैय्या कराया जा रहा है। परन्तु इसके बावजूद भी राज्य सरकार अल्पसंख्यक कल्याण से जुड़ी इन योजनाओं का लाभ अल्पसंख्यक वर्ग तक नहीं पहुंचा रही है। सच्चाई तो यह है कि समाजवादी पार्टी ने मुस्लिम समुदाय को सदैव वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करने और उनकी भावनाओं के साथ सिर्फ खिलवाड़ करने का ही कार्य किया है।
श्री मदान ने कहा कि प्रदेश का जागरूक अल्पसंख्यक वर्ग कभी भी भूल नहीं सकता कि यही समाजवादी पार्टी कई मौकों भारतीय जनता पार्टी के साथ खड़ी दिखायी दी है तथा गुजरात में भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए विगत चुनावों में अपने प्रत्याशी भी उतारकर अपना असली अल्पसंख्यक विरोधी चरित्र पहले ही उजागर कर चुकी है। आज भी समाजवादी पार्टी की भारतीय जनता पार्टी के साथ परदे के पीछे चल रही सांठ-गांठ किसी से छिपी नहीं है। सपा के मुखिया द्वारा बाबरी मस्जिद विध्वंस के मुख्य आरोपी लालकृष्ण अडवानी की तारीफ करना इसका सबसे ताजा उदारण है।
प्रवक्ता ने कहा कि अल्पसंख्यकों में खासकर मुसलमानों के हितों का दावा करने वाली सपा के एक वर्ष के शासन काल में लगभग 3 दर्जन साम्प्रदायिक दंगे हुये जिसमंे सबसे ज्यादा नुकसान मुसलमान समुदाय के लोगों को उठाना पड़ा है। चुनाव मंे अल्पसंख्यक समुदाय के लिए किये गये 18प्रतिशत आरक्षण के वादे को भी आज तक पूरा कर पायें तथा न ही निर्दोष अल्पसंख्यक युवाओं को जेल से रिहा कराने के वादे पर कोई अमल कर पायें हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com