२२ अप्रैल ।
गौरतलब हो कि पालिका की पेयजल व्यवस्था पूर्णतया लचर हो गई है शहर मे लगे हैण्डपाईप खराब पडे है पाईप लाईनो से दुर्गन्ध युक्त पानी आ रहा है जनता की शिकायत सुनने वाला कोई नही है जिलाधिकारी ने अधिशाषी अधिकारी की खाली पडी कुर्सी को तोहफे के रुप मे अतिव्यस्त और जनता से दूर रहने वाले उपजिलाधिकारी को सौप दिया है जो उन्ही भ्रष्ठ पालिका कर्मियों की सुर मे सुर मिलाने लगे है पालिका मे जन शिकायत सुनने का समय नही है इस भीषण गर्मी मे आम जनता राहगीर सभी प्यासे है मगर गैर जिम्मेदार कर्रि्मयों के चलते न हैण्डपाईप रिपेयर हो रहे है न तो आम निवासियों का शुद्ध पेयजल ही मुहैया कराया जा रहा है ।
नव विकसित मोहल्ले में लगे ट्यूवबेलो के चलने पर गन्दा पानी आने की शिकायते आम हो चली है वही नालियों व सडको की वर्षो मरम्मत नही होती है । एक बार बन जाने के बाद पालिका के सरकारी मेट व जिम्मेदार अभियंता कभी भी देखने नही जाते ठेकेदारो की निर्माण के समय लगाई गई धरोहर धनराशि समय पूर्ण ही कमीशन खोरी कर वापस कर दी जाती है । कभी भी गुणवत्ता का भौतिक सत्यापन नही होता ।
यही कारण है कि पालिका के जे.ई. व ए.ई. हमेशा नये और बढे बजट का निर्माण कराकर ज्यादा से ज्यादा निर्माण राशियों मे कमीशन वसूली मे जुटे रहते है जबकि निर्माण के समय पुराने लगे खडजे और टूटी फूटी नालियों को सीमेंट से टीप कर नये निर्माण का भुगतान निकालने की छूट प्रदान की जाती है जिसके चलते पालिका की कोई भी सडक व नाली छरूमाह भी नही चल पाती कारण साफ है कि निर्माण सामग्रियों की निम्न गुडवत्त्ताओं निर्माण लागत का आधा हिस्सा कमीशन खोरी में जा रहा है ।
हालत बद से बदतर है मगर नियंत्रण को कौन कहे अधिशाषी अधिकारी आम जनता के बीच कभी भी निरिक्षण के लिये नही जाते बल्कि पालिका कर्मी उनके बंगले पर जाकर काम कराते है अब तो सभासदों की लिखाई शिकायत पर भी संज्ञान नही लिया जाता । ऐसा ही एक मामला निराला नगर मे खराब हैण्ड पाईप की लिखित शिकायत सभासद द्वारा दर्ज होने पर भी आज तक नही रिपेयर कराया गया हारकर मलिन बस्ती घसियार मंडी के गरीब लोगो ने चन्दा जमा कर हैण्ड पाईप रिपेयर करा लिया कारण साफ है कि हैण्ड पाईप की रिपेरिंग मे कमीशन बहुत कम मिलता है जिसमें उहृपर तक हिस्सा नही लग पाता है उसे जनता के हाल पर छोड दिया जाता है अब जनता के दर्द को सुनने वाला जिले में शायद कोई नही है हो सकता है कभी राजनीति वश ही मुख्यमंत्री को इस अभागे जिले की याद आ जायें ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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