१९ अपै्रल । जनपद के कादीपुर, सूरापुर, दोस्तपुर, बरौसा, कोइरीपुर, चांदा, कामतागंज, हनुमानगंज, पयागीपुर, धम्मौर, कुडवार, कटका, कूरेभार, सहित जनपद के लगभग आधा दर्जन पेट्रोल पम्पो पर मिलावटी पेट्रोल और डीजल की बिव्रहृी वेखौफ होकर की जा रही है।
इससे जहॉ शहर की सडको को प्रदूषण मुक्त कराने का सरकारी अभियान अपंग होकर रह गया है वही दो पहिया एवं चार पहिया वाहनो के इंजनो के सीज होने की शिकायते बढ़ गयी है जब कि जिला प्रशासन इस ओर ध्यान नही दे रहा है।
मुख्यालय तथा आस पास के क्षेत्रो मे लगी छोटी बडी औद्योगिक इकाइओ और जनरेटरो से निकलने वाले धुएं से प्रदूषण की मात्रा वैसे भी बहुत है परन्तु जो कसर बचती है उसे मिलावटी पेट्रोल, डीजल से चलने वाली गाडियॉ पूरा कर रही है इसके कारण सुबह शाम तो लोगो का सडको पर निकलना व सांस लेना दूभर हो गया है ।
प्रदूषण के रोकथाम के लिए सरकार की ओर से घोषणाएं की जाती है परन्तु इच्छा शक्ति के अभाव भ्र्रष्टाचार और लचर नियम कानून से यह घोषणएं मात्र कागजी साबित हो रही है इसी का फायदा उठा कर कम लागत मे जुटे पेट्रोल पम्प मालिक डीजल और पेट्रोल मे ५०-६० प्रतिशत तक मिलावट कर रहे है तो कुछ पेट्रोल पम्प स्वामी उससे भी घटिया नैत्था को ििमलाते है।
विशेषज्ञो के अनुसार चूंकि नैत्था और सोल्वेट देखने में पेट्रोल की तरह ही होता है इसी कारण इसकी मिलावट की जॉच आम आदमी आसानी से नही कर सकता है ग्राहक को तो तब पता चलता है जब उसके वाहन का इंजन सीज हो जाता है । मैकेनिक जब इंजन सीज का कारण जानने के लिए इंजन खेलता है तो पेट्रोल मिलावटी होन का पता चलता है मिलावटी पेट्रोल से वाहनो को इंजन सीज हो मात्र ऐसा ही नही बल्कि इससे प्रदूषण भी फैलता है सबसे अधिक प्रदूषण वाहनो के धुए से फैल रहा है।
दोपहिया वाहनो की मरम्मत करने वाले मैकेनिको ने बताया कि यदि वाहन मे मिलावटी रहित पेट्रोल और सही मात्रा मे ऑयल हो तो कभी भी इंजन सीज नही हो सकता है अलबत्त्ता पिछले छह माह से वाहनो के इंजन सीज होने की शिकायतो मे जबरदस्त इजाफा आया है। जॉच करने मे इंजन ऑयल भी नकली और मिलावटी मिला पेट्रोल व इंजन ऑयल की बिव्रहृी बेखौफ होकर पूरे जनपद भर मे की जा रही है परन्तु इस पर रोक लगाने का प्रयास नही हो रहा है वही मिलावटी पेट्रोल डीजल की वजह से गाडियां का औसत लाइफ खत्म होती जा रही है।
गाडियों के इंजन पार्टस जल्द खराब हो रहे है हालत यह है कि कब चलता वाहन रास्ते रुक जाये कुछ पता नही किसी भी पेट्रोल पम्प मालिक को प्रशासनिक चेकिंग का कोई भय नही है ।
जिसके चलते मिलावट व कम तेल मापने का कार्य किया जा रहा है आज हालत यह है कि आप को ५० से १० किमी के बीच पेट्रोल पम्प शायद ही जनता के हितो और मानको का ख्याल रखते हो अगर कोई उपभोक्ता अपनी शिकायत करना भी चाहे तो उसके पास कोई पेट्रोल पम्प की रशीद भी नही है की उसने वाहन मे पेट्रोल डलवाया अथवा नही।
क्योकि इन पेट्रोल पम्पो पर जाने पर जान बूझ कर रशीद नही दी जाती जब कि यह नियम है कि बिना रशीद काटे पेट्रोल डीजल न दिया जाये लेकिन इन नियमो का पालन हो रहा है अथावा नही कोई देखने वाला नही है। आलम यह है कि विभागीय अधिकारियो व कर्मचारियो की सांठ गांठ से उपभोक्ता मिलावटी पेट्रोल डीजल और कम माप पर लेने पर मजबूर है। शिकायत करने पर पेट्रोल पम्प कर्मी अपने ग्राहको से झगडा करने पर उतारु हो जाते है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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