19 अप्रैल 2013
भारतीय जनता पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता से कांगे्रस सहित यूपी के घटक दल सपा और बसपा डरे हुये है, भयभीत यूपीए के दल अब भाजपा के खिलाफ साम, दाम, दण्ड, भेद की नीति अपनाकर जनता को भ्रमित करने का काम कर रह है। बात चाहे माया-मुलायम के बीच चल रही बेतूकी तकरार हो या कुछ और मसला सिर्फ एक है, जनता को भ्रम में रखकर उससे भाजपा से दूर रखा जाये। पार्टी प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन से आज जहां पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा यूपीए और उसके सर्मथक दलों की राजनीति जनता बखूबी समझती है, मंहगाई और रिटेल एफडीआई या आतंकवाद किसी भी सवाल पर सपा और बसपा संसद में केन्द्र के खिलाफ वोट नही करते है। उन्होनें कहा सपा, बसपा जनता की हितैशी होती तो यूपीए सरकार दो साल से ज्यादा नही चलती लेकिन सी.बी.आई. के डर से और भाजपा को रोकने के लिए सपा-बसपा, कांगे्रस के साथ मिलकर जनता से विश्वासघात कर रहे है।
डा0 मोहन ने कहा कि बसपा सुप्रीमों सुश्री मायावती जी एक बार फिर से ब्राहमणों को वरीयता देने का प्रयास इसी भ्रामक जातिवादी राजनीति का हिस्सा है। डा0 मोहन ने बसपा सुप्रीमों से पूछा जब बसपा की सरकार थी तब जाति विशेष की चिन्ता के लिए उनके पास समय नही था, जब अनुसूचित जाति/जनजाति कानून का दुरूपयोग हो रहा थ तब मायावती जी क्या कर रही थी, बसपा की आंतरिक बैठकों में ब्राहम्णों के प्रति क्या रवैयाा रहता है यह जगजाहिर है। मुलायम सिंह जी समाजवाद की केवल बात करते है वास्तव में वो भी केवल भाजपा को रोकने के लिए सामप्रदायिक और जातिवादी, परिवारवादी राजनीति कर रहे है। जिसका दुस्परिणाम उत्तर प्रदेश की जनता को बदहाल कानून व्यवस्था के रूप में भुगतना पड़ रहा है।
डा0 मोहन ने कांगे्रस , सपा-बसपा को चेतावनी देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता तीनों दलों द्वारा की जा रही वोट बैंक की राजनीति समझ चुकी है और परिणाम स्वरूप देश-प्रदेश की बदहाल स्थिति को देख रही है। अब प्रदेशकी जनता इनकी नूराकुश्ती के झांसे में नही आने वाली है और आगामी लोकसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के साथ खड़ी होकर देश में राजग की सरकार बनायेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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