19.04.2013
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन देकर उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन की मांग करना अभी एक साल पूर्व ही समाजवादी पार्टी की सरकार को मिले बहुमत के जनादेश की अवहेलना और संविधान के प्रति घोर असम्मान दिखाना है। बसपा की पूर्व मुख्यमंत्री यह नहीं सोचें कि एक झूठ को सौ बार दुहराने से वह सच बन जाएगा। जनता सब जानती है और उसने पिछले पांच साल के बसपा कुषासन को भुगतने के बाद ही श्री अखिलेश यादव के ऊर्जावान और गतिशील नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में बहुमत की समाजवादी पार्टी की सरकार को सत्ता सिंहासन पर बिठाया है। उसे झूठे आरोपों से बदनाम करनेवाले खुद अपने को जनता की निगाहों में गिराएगें।
पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री मायावती को समाजवादी पार्टी की सरकार बनने के पहले दिन से ही पागलपन के दौरे पड़ने शुरू हो गए हैं। उन्हें प्रदेश में कानून व्यवस्था की बहुत चिन्ता सता रही है। राज्यपाल महोदय तक ज्ञापन पहुॅचाने से पहले काश, वह अपने कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड भी पढ़ लेती तो उन्हें खुद शर्मिदंगी के साथ राजभवन से लौट आना पड़ता। प्रदेश में कानून व्यवस्था नियंत्रण में है। विकास के काम तेजी से हो रहे है। नौजवान, महिलाएं, मुस्लिम, किसान, शिक्षक, व्यापारी और वकील सभी इस समाजवादी पार्टी सरकार के निर्णयों से लाभान्वित हो रहे है।
दरअसल, बसपा अध्यक्षा ने राजनीति को एक गिरोह में तब्दील कर दिया है जिसमें गुण्डे, माफिया, अपराधी तत्व जुड़े हुए हैं। सत्ता उनके लिए स्वार्थसाधन और धन-संपत्ति कमाने का जरिया है। उनके कार्यकाल में सिर्फ लूट, वसूली और झूठ का सिक्का चलता रहा। कितने शर्म की बात है कि पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने जिन्दा रहते अपनी प्रतिमाएं लगवाई, उनपर सरकारी खजाना लुटाया और स्वयं अपना कमीशन वसूलने से भी परहेज नहीं किया।
राजभवन तक दौड़ लगाने से पहले बसपा की पूर्व मुख्यमंत्री को संविधान और लोकतंत्र का प्रारम्भिक ज्ञान हासिल कर लेना चाहिए। महामहिम राज्यपाल संवैधानिक मुखिया है। उनके कर्तव्य और अधिकार निर्धारित हैं। वे अपने विवेक से निर्णय लेते हैं। झूठी सच्ची कहानियों पर राजनीतिक निर्णय नहीं होते हैं। सुश्री मायावती अपना भविष्य अंधकार में देखकर घोर निराशा और कुंठा की शिकार होकर अवसाद ग्रस्त है। उनके स्तर से ही एक निर्वाचित और बहुमत की सरकार को अलोकतांत्रिक तरीके से बर्खास्त करने की मांग की जा सकती है।
बसपा की पूर्व मुख्यमंत्री यह भूल जाएं कि जनता उनके द्वारा किए गए उत्पीड़न और शोषण को इतनी जल्दी भूल जाएगी। प्रदेश की जनता को उन्होने अपने घोटालों के अलावा क्या दिया हैं? विकास के नाम पर वे कमीशन वसूली का धंधा चलाती रहीं। जनता की गाढ़ी कमाई की लूट में हत्याएं तक हुई। बसपा के मंत्री-विधायक अवैध कब्जों, बलात्कार और अपहरण में संलिप्त रहे। जनता बसपा सरकार के चरित्र को भलीभांति परख चुकी है। जनता एक बार अपना जवाब दे चुकी है और फिर लोकसभा चुनावों में वह बसपा को करारा जवाब देगी। जनता बार-बार धोखा खानेवाली नहीं है। बसपा अध्यक्षा तानाशाह हिटलर के कुख्यात प्रचार सचिव गोएबल्स की नकल न करें। ऐसे चरित्र इतिहास में दफन होने लायक ही होते है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com