कृषि राज्यमंत्री मनोज कुमार पाण्डेय ने कहा कि मायावती के द्वारा किये जा रहे ब्राहम्ण समाज सम्मेलन मात्र एक छलावा एवं धोखा है। ब्राम्हण समाज देश और प्रदेश को एकजुट करने का काम करता है। जबकि बसपा व मायावती समाज को तोड़ने का कार्य करती है। ब्राहम्ण समाज एक बार ब0स0प0 की सरकार बनवाकर अपने को ठगा व अपमानित महसूस कर रहा है। वोट के लिए ब्राह्मण की बात करने वाली मायावती को अपने पीछे के अतीत में जाकर देखना होगा। सतीश मिश्रा जैसे गैर समाजिक व्यक्ति को आगे कर उन्होंने उदारवादी विचारधारा वाले ब्राह्मणों का साथ तो ले लिया, लेकिन मायावती के शासनकाल में ब्राह्मणों को जो अपमान हुआ, उसे पूरे देश-प्रदेश का ब्राह्मण समाज को दलित एक्ट के फर्जी मुकदमों में जेल भेजा। ब्राह्मण अपमानित करते हुए आचार्या महावीर प्रसाद द्विवेदी के इतिहास को हाईस्कूल पाठ्यक्रम से हटा दिया गया और मिश्र इसका प्रतिवाद भी नही कर सके।
पाण्डये ने कहा कि बसपा शासन काल में तीन वर्ष तक प्रोन्नतियों पर रोक लगी रही जिसका नुकसान ब्राह्मणों सहित अगमी व पिछडी जातियों के लोगों को हुआ। सुप्रीमकोर्ट ने जब आरक्षण समाप्त कर दिया तो प्रोन्नति में आरक्षण बिल पारित कराने हेतु तीनों पार्टियां कांग्रेस, भाजपा एवं बसपा ने एक जुट होकर भरसक प्रयास किया, परन्तु हमारे नेता मुलायमसिंह यादव द्वारा अपने चन्द सांसदों को लेकर लोकसभा में इसका खुलकर विरोध किया, और बिल पारित नही होने दिया जिसके कारण अगणी व पिछड़ी जातियों गौरवान्वित महसूस कर रहे है।
पाण्डेय जी ने कहा कि मायावती ब0स0प0 अपने दोहरे चरित्र के अनुरूप पहला नारा दिया था कि ‘तिलक तराजू और तलवार, इनको मारो जूते चार‘ बाद में उन्होंने नारा बदला और कहा कि हाथी नहीं गणेश है ब्रह्मा विष्णु महेश है इस नारे के छलावे में अब ब्राह्मण आने वाला नहीं है ब्राम्हण समाज देश और प्रदेश के हित में वह मुलायमसिंह यादव नेता जी को दिल्ली पहुंचायेगा। मायावती की बातो में नहीं आयेगा
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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