18 अप्रैल , 2013
खाद्य विभाग एक संवेदनशील विभाग है तथा इसका आम जनता, किसानों और उपभोक्ताओं से सीधा संबंध है। ऐसे संवेदनशील विभाग में पारदर्शिता का होना अत्यन्त आवश्यक है। अधिकारी ईमानदारी, निष्ठा एवं पारदर्शिता के साथ कार्य करेंगे तभी जनता का भला होगा। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम जनता के लिये कार्य करें न कि अपने स्वयं के लिये।
उत्तर प्रदेश के खाद्य एवं रसद मंत्री श्री राजेन्द्र चैधरी ने आज यहाॅ अपने कार्यालय में खाद्य विभाग के अधिकारियों के साथ परिचयात्मक बैठक में यह विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष गेहूॅ खरीद में किसानों को बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था, इस बार इसकी पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं को समय से गेहूॅ, चावल, चीनी, मिट्टी का तेल आदि वास्तविक रूप में मिले। ऐसा न हो कि यह रास्ते में ही गायब हो जाये और उपभोक्ताओं तक यह राशन पहुॅचे ही नहीं। इस विभाग के विषय में यह चर्चा आम होती है कि गरीबों का खाद्यान्न रास्ते में ही गायब हो जाता है तथा यह उपभोक्ताओं तक पहुॅचता ही नहीं है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना है कि इस तरह की शिकायत प्रदेश के किसी भी कोने से न आने पाये।
श्री चैधरी ने कहा कि जो नये राशन कार्ड बनाये जा रहे हैं, उसमें पूरी पारदर्शिता के साथ केवल पात्र व्यक्तियों का ही राशन कार्ड बनाया जाये। इसमें इस बात का विशेष ध्यान रखा जाये कि किसी अपात्र व्यक्ति का कार्ड, पात्र व्यक्ति के स्थान पर न बनने पाये। उन्होंने प्रमुख सचिव खाद्य को निर्देश दिये कि उपभोक्ताओं के हित के लिये ’’स्टेट कऩ्जूमर हेल्प लाइन’’ की व्यवस्था सुनिश्चित करायें। उन्होंने प्रमुख सचिव को निर्देश दिये कि वरिष्ठता के आधार पर ही अधिकारियों की तैनाती की जाये।
बैठक में प्रमुख सचिव खाद्य श्री दीपक त्रिवेदी, विशेष सचिव श्री हरिकान्त त्रिपाठी एवं श्री सुभाष चन्द्र त्रिवेदी के अलावा राज्य कर्मचारी कल्याण निगम, आवश्यक वस्तु निगम, विधिक माप विज्ञान तथा खाद्य आयुक्त संगठन के अधिकारियों ने विभागों की कार्य प्रणाली के विषय में खाद्य मंत्री को अवगत कराया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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