18 अप्रैल, 2013
कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक रंजन ने आज अपने सभा कक्ष में समन्वय समिति की बैठक की अध्यक्षता की जिसमें कृषि बीमा सम्बन्धित विभागों एवं बीमा कम्पनियों के प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श करते हुए निर्णय लिये गये। उन्होंने कहा कि मौसम आधारित फसल बीमा योजना के तहत प्रदेश में खरीफ 2013 में फसल बीमा योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु प्रदेश के 71 जनपदों में राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना एवं शेष 04 जनपदों-बुलन्दशहर, पीलीभीत, बिजनौर व अमरोहा में पायलेट आधार पर संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना गत वर्ष की भाँति खरीफ-2012 यथावत लागू रखा जाये।
श्री रंजन ने मौसम बीमा योजना से किसानो को पहले इसके लाभ से अवगत कराया जाये ताकि अधिक से अधिक किसान इसका लाभ उठा सकें। मौसम आधारित फसल बीमा योजना के अन्तर्गत सामान्य वर्षा के सापेक्ष वास्तविक वर्षा में विचलन को संज्ञान में लेते हुए गत वर्षों में चयनित जनपदों के साथ-साथ कृषि निदेशक, उ0प्र0 की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा कुछ नये जनपदों का चयन करते हुए मौसम आधारित फसल बीमा योजना का अन्य जनपदों में विस्तार करते हुए लागू किया जाये। जिन जनपदों में मौसम आधारित फसल बीमा योजना लागू की जायेगी उन जनपदों के गैर ऋणी कृषकों को राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना अथवा मौसम आधारित फसल बीमा योजना में से किसी एक योजना में अपनी इच्छानुसार सम्मिलित होने का विकल्प किसानो को उपलब्ध होगा। साथ ही, उन्होंने कहा कि आवश्यकतानुसार इससे सम्बन्धित प्रस्ताव प्रस्तुत कर अनुमोदन लेने के उपरान्त शीघ्र लागू करं,ंे ताकि किसानो को अधिक से अधिक लाभ मिले।
बैठक में श्री विनोद कुमार, निदेशक कृषि सांख्यिकी एवं फसल बीमा,
श्री ए0पी0 तिवारी, उप निदेशक संस्थागत वित्त, श्री एन0सी0 शुक्ला विशेष सचिव कृषि, श्री सी0के0 पाण्डेय, विशेष सचिव वित्त, श्री अजय कुमार उपाध्याय, स्टाफ आॅफीसर कृषि उत्पादन आयुक्त के अतिरिक्त नाबार्ड, आई0सी0आई0सी0आई0 लैम्बार्ड, रिलायंस, इफको टोकियो, इंश्योरेन्स के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
श्री आलोक रंजन कृषि उत्पादन आयुक्त गत दिवस अपने सभा कक्ष में ग्राम्य विकास, पंचायती राज, निर्मल भारत अभियान के तहत मनरेगा द्वारा लाई गई योजनाओं के तहत शौचालयों का निर्माण विषयक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने मनरेगा में अब तक किये गये कार्यों का ब्यौरा प्रस्तुत करने के साथ आगे की कार्ययोजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के आदेश दिये। साथ ही, बीहड़ इलाकों को मनरेगा के माध्यम से कार्य कराकर विकसित करने को कहा, किसान भूमि सेना की तर्ज पर किसान और पट्टेदार की जमीन को मनरेगा के माध्यम से उपजाऊ बनाने के लिए सभी मनरेगा स्कीमों का उपयोग करें। इसके लिए पानी भरे वाटर लाॅग एरिया में मत्स्य पालन एवं मत्स्य विभाग की स्कीमों को मनरेगा के माध्यम से लक्ष्य को पूरा करने में मद्द मिलेगी। श्री रंजन ने कहा कि मनरेगा की स्कीमें जिन विभागों से संबंधित हैं, वे सभी संबंधित विभाग अपने स्तर समीक्षा करने के उपरान्त मुझे अवगत कराएं।
श्री रंजन ने कहा कि हर ब्लाॅक स्तर पर एक टीम का गठन किया जाए, जिसमें जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, डी0पी0आर0ओ0 के सुझावों को शामिल कर ठोस प्रस्ताव बनाएं ताकि शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया जा सके। भारत सरकार द्वारा दिये गये धन को 30 जून तक उपयोग करने के बाद दूसरी किश्त मांगी जाय। मनरेगा में धन की कमी नहीं है।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने निदेशक पंचायती राज को आदेशित किया कि 440 करोड़ रुपये का खर्च सही ढंग से करने और इसका लाभ संबंधित तक पहंुचाने के लिए डी0पी0आर0ओ0, मुख्य विकास अधिकारी, कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करके इस वित्तीय वर्ष में ससमय लक्ष्य को प्राप्त करें, इसके लिए अधिकारी मुख्यालय में न बैठकर फील्ड में जाकर समीक्षा करें और कार्य करने वालों को प्रोत्साहित करें और कार्य में लापरवाही बरतने वालों को निलम्बित करें।
इन कार्यो में तेजी लाने के लिए समीक्षा वीडियो कांफ्रेन्सिग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों और मुख्य विकास अधिकारियों के साथ माॅनीटरिंग से करने के पश्चात् वस्तुस्थिति से मुझे अवगत कराएं, 25 अप्रैल से 26 अप्रैल एक वर्कशाप भी करें। सिंचाई एवं लघु सिंचाई में अधिक संभावनाएं हैं, इससे संबंधित प्रस्ताव बनाकर मेरे समक्ष प्रस्तुत करें। मनरेगा से सभी जिलों में टूटे पुल-पुलिया, बड़े शो-केस प्रोजेक्ट हर जिले में लेकर माॅडल के रूप में मनरेगा के माध्यम से विकसित करें, जिसमें जिलाधिकारी के माध्यम से प्रमाण-पत्र में लिया जाय कि यह मनरेगा के तहत विकसित किया गया है। सैफई और कन्नौज में मनरेगा की सभी स्कीमों को प्राथमिकता के आधार पर लागू करें और लोहिया ग्राम, इन्दिरा आवास के कार्यों की गुणवत्ता को सुनिश्चित की जाय। बीआरजीएफ में पंचायत सचिव की जिम्मेदारी एवं भागेदारी को सुनिश्चित कर मानीटिरिंग की जाय ताकि कार्य में किसी प्रकार की कमी न रह जाय।
बैठक में प्रमुख सचिव, ग्राम्य विकास श्री राजीव कुमार, प्रमुख सचिव पंचायती राज श्री माजिद अली, आयुक्त ग्राम्य विकास श्री अरविन्द नायक, निदेशक पंचायती राज श्री सौरभ बनर्जी, अपर आयुक्त मनरेगा श्री रंजन कुमार, व अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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