16.04.2013
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि बसपा की मुख्यमंत्री ने अपनी आज की प्रेस कांफ्रेन्स में साबित कर दिया है कि उन्हें न तो संविधान का ज्ञान है ओर न ही प्रयोग किए गए शब्दों का सही अर्थ उन्हें मालूम है। बसपा राज में जो पाप किए थे उन्हें वे आज भी दुहरा रही है। अपने आचरण से वे प्रदेश की 20 करोड़ से भी ज्यादा जनता का अपमान कर रही है जिसने अपने मताधिकार से बहुमत की समाजवादी पार्टी की सरकार बनाई है।
समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए “बेलगाम और दहशतगर्द“ शब्दों का इस्तेमाल उनकी भाषा संबंधी अज्ञानता का सूचक है। इनका इस्तेमाल तो बसपाइयों के खिलाफ ही हो सकता है जो उनके शासनकाल में दूसरों के घर जलाने, बलात्कार, अपहरण, लूट और वसूली के धंधों में लगे रहे थे। महिलाओं की इज्जत बसपाराज में लुटती रही और दलित महिला मुख्यमंत्री बलात्कारियों को ही संरक्षा देती रहीं थी। वह तो अदालतों ने आधा दर्जन बसपा मंत्रियों, विधायकों को जेल पहुॅचाया अन्यथा सुश्री मायावती तो दहशतगर्दो को गरीबो का मसीहा ही बताती थी।
संविधान में राज्यों में राष्ट्रपति षासन के लिए कुछ निश्चित प्राविधान है। बोम्मई केस से तनिक भी वाकिफ कोई भी पढ़ा लिखा व्यक्ति प्रदेश में राष्ट्रपति शासन की बचकानी मांग नहीं कर सकता हैं। ऐसी मांग करना और प्रदेश में जंगलराज बताना अपनी घोर अज्ञानता का परिचय देना है।
बसपा के पांच साल में हर ओर भ्रष्टचार का परनाला बहता रहा था। बसपाई मंत्री विधायक अवैध कब्जे करने में लगे रहे लोकायुक्त तथा सीबीआई में इनकी तमाम फाइलें बनी हुई है। जनता उनकी तानाशाही से दुःखी और क्षुब्ध थी। प्रदेश की दुनिया भर में बदनामी हो रही थी। अपने समय की इस हकीकत से आंखे मंूदकर वे समाजवादी पार्टी की सरकार की उपलब्धियों को नकार रही है, अगर उनमें जरा भी लोकलाज होती तो वे ऐसा नहीं करती।
मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी की सरकार बनते ही स्पश्ट कर दिया था कि भ्रष्टाचारियों, गरीबों और महिलाओं का अपमान करनेवालों तथा गुंडई करनेवालों की जगह जेल में होगी। पूर्व मुख्यमंत्री को भलीभांति मालूम है कि अब समाजवादी पार्टी के राज्य में कानून का राज स्थापित है। प्रशासन संवैधानिक व्यवस्थाओं के तहत चलता है। अतः सुश्री मायावती को अपने भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरूपयोग के कारण भय सता रहा है। वे बचने के लिए गुहार लगा रही है और निराशा तथा कुंठा में अनापशनाप बयानबाजी कर रही है। यह उनका आचरण अलोकतांत्रिक एवं घोर निन्दनीय है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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