हरदोई के गन्ना किसानों एवं मिल मालिकों के बीच भुगतान को लेकर गन्ना किसानों को परेशान होना पड़ रहा है। यह बात कोई नहीं है हर साल गन्ना किसान हजारो हेक्टयर गन्ना करता है और मिल प्रशासन उनको गन्ना करने के लिए प्रेरित भी करता है साथ ही खाद, बीज, पानी आदि की सुविधा भी उपलब्ध करवाता है लेकिन जब समय गन्ना भुगतान का होता है उस समय मिल प्रशासन किसानों को समय से भुगतान नहीं करते जिससे गन्ना किसान परेशान होता है और बिचैलियों के हांथों अपना गन्ना बेचने को मजबूर होता है। हरियावां शुगर मिल में गन्ना किसान काफी परेशान है क्योंकि भुगतान सिर्फ उन्हीं का हो पा रहा है जो पहुंच रखते है और या फिर जिनकी अन्दर से सेटिंग है। मिल प्रशासन की इस कार्य शैली से किसान बहुत आहत है और अगली बार गन्ना न करने का शपथ भी ले चुका है। क्योंकि गन्ना करने में बड़ी मेहनत लगती है और जब गन्ना मिल प्रशासन को बेचा जाता है तो उसको उस समय पैसा नही मिल पाता और भुगतान बाद में किया जाता है जिसके लिए किसानों को मिल प्रशासन के चक्कर काटने पड़ते है और तब जाकर कुछ गन्ना किसानों को गन्ने का भुगतान मिलता है तो कुछ को नहीं। मिल प्रशासन की इस कार्यशैली से किसानों में रोष है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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