१२ अप्रैल । जर्जर विद्युत लाइनो के भरोसे इलाके में विद्युत आपूर्ति हो रही है। तीन चार दशक पुरानी लाइनों मे आये दिन कोई न कोई समस्या उत्पन्न्न होती रहती है जिससे प्रायः विद्युत आपूर्ति प्रभावित रहती है।
उधर के०एन०आई० उपकेन्द्र से लगभग सौ सवा सौ गांवो को विद्युत आपूति की जा रही है। पूरे क्षेत्र मे लगभग डेढ सौ कि०मी० लम्बे विद्युत तारो का जाल फैला है लगभग तीन चार दशक पूर्व स्थापित विद्युत लाइनो की अब तक एक बार भी मरम्मत न होने से विद्युत व्यवस्था की दशा बदहाल हो चुकी है।
क्षेत्र के पन्न्ना टिकरी, भदैयां, जगदीशपुर, बेलासदा, पखरौली आदि गांवो के विद्युत तार काफी पुराने हो चुके है और कही कही पर लकडी की बल्लियां लगाई है इन गांवो के तार तो पुराने हो चुके है किसी पोल पर लगाये गये लकडी पर इन्सुलेटर नीचे लटक गये है और पोल पर लगे कास आर्म भी सड चुके है कई स्थानो पर कास आर्म की जगह लकडी के डण्डे बांधे गये है।
विजली के तारो ने झूलो का रूप ले लिया है इतना ही नही कई स्थानो पर तो तार नीचे लटक गये है जिससे किसी भी समय दुर्घटना की आशंका बनी हुई है। पोल पर लगे हुए इन्सुलेटर भी सुरक्षित नही है। क्षेत्र मे एक साथ हर जगह पर बिजली नही रहती कही न कही तो फाल्ट बना ही रहता है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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