पावन चिंतन धारा एक आध्यात्मिक संगठन है, जो बच्चों और युवाओं के मानसिक व चारित्रिक विकास के लिए कार्य करती है, साथ ही , धर्म की वैज्ञानिकता के प्रचार-प्रसार के लिए कटिबद्ध है।
इस संस्था के संस्थापक श्री पवन सिन्हा जी, जो जन-जन में एस्ट्रªो अंकल के रूप में विख्यात हैं, का मानना है कि जब तक व्यक्ति का मन नाथा नहीं जाएगा तब तक समाज व देश का उत्थान असंभव है।
मन को नाथने का व अन्य किसी भी समस्या का पहला और अंतिम समाधान है-ध्यान। इसी लक्ष्य की पूर्ति के लिए पावन चिंतन धारा की लखनउ इकाई द्वारा तीन दिवसीय ध्यान योग क्रिया शिविर का आयोजन किया जा रहा है।
ध्यान योग क्रिया शिविर के प्रथम दिन प्राख्यात आध्यात्मिक चिंतक श्री पवन सिन्हा जी ने व्यावहारिक ध्यान पद्धतियों की विवेचना बहुत वृहद तरीके से की जिसमें ध्यान के सही प्रकार, ध्यान हमारे जीवन को सफल बनाने में किस प्रकार सहायक है, ध्यान से किस प्रकार मानसिक शांति, जीवन का उद्देश्य प्राप्त करने में मदद, ईष्ट प्राप्ति और किस प्रकार हमारे संस्कारों को ईच्छा-शक्ति के द्वारा मजबूत करता है, आदि बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा हुई।
साथ ही उन्होंने कृष्ण-क्रिया का भी गूढ़ रहस्य बताया जिसमें मन को एकाग्र व शांत करते का अभ्यास भी कराया।
कार्यक्रम के अगले चरण में पावन पुस्तक श्रृंखला-11, शीर्षक- ईष्ट साधना पुस्तक का विमोचन हुआ। यह पुस्तक विभिन्न एस्ट्रªो अंकल कार्यक्रम के एपिसोड का संग्रह है।
कार्यक्रम के अंतिम चरण में लोगों के प्रश्नों का समाधान करते हुए ध्यान, अध्यात्म, योग आदि विषयों से संबंधित लोगों की जिज्ञासाओं को शांत किया।
तीन दिवसीय कार्यक्रम के प्रथम दिन के कार्यक्रम का समापन हनुमान चालीसा का संगीतबद्ध पाठ करके किया गया। इस शिविर कार्यक्रम में लगभग 450 लोगों ने हिस्सा लिया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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