९ अप्रैल । सुलतानपुर विनियमित क्षेत्र मे नियम कानून का कोई वजूद नही है । यहां अधिकारियो के अपने कानून चलते है जिसके कारण नगर के वार्डो मे नागरिको की जान को जोखिम मे डालकर हर गली मोहल्लो मे बहुमंजिला इमारते खडी की जा रही है ।
इन अवैध निर्माणो को रोकने मे प्रशासन भी कोई खास दिलचस्पी नही निभा रहा है ऐसे मे कही मुम्बई को थाणे की तरह इमारते ढह न जाए यह एक पहेली बना हुआ है । नियमो की अनदेखी कर कराए जा रहे अवैध निर्माण से जिला प्रशासन को भी हर साल करोडो रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है फिर भी प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है ।
नगर के २५ वार्डो में सवा लाख की आबादी है जिसमें ५० फीसदी रईसो के मकानो को मिलाकर लगभग २० हजार मकान भी बने हुए है । अधिकांश मकान तो ऐसे है जो कि नजूलभूमि पर बने हुए है । शहर के गंदानाला, रोडवेज स्टेशन, सिविल लाइन, बढैयाबीर, चैकक्षेत्र, रामलीला मैदान, नेशनल टाकीज रोड, सिरवारा रोड, खैराबाद, मुरारीदास गली, शाहगंज पुरानी बाजार, लाल डिग्गी समेत दर्जन भर मोहल्लो में रईस पुराने मकानो को तोडवाकर बहुमंजिला इमारते खडी कर रहे है ।
यहां तक कि बहु मंजिला इमारते खडी करवाने वाले फैक्टर अपने ढंग से काली, नीली, पीली पालीथीन लगवाकर इमारतो का निर्माण करा रहे है । इमारत खडी करने के इस खेल मे रईस नालो के उहृपर भी कब्जा करने मे कोई कोर कसर नही छोड रहे है । जिन अवैध निर्माणो पर नागरिको ने विरोध भी जताया है वहां पर विनियमित क्षेत्र के अधिकारियों ने मोटी रकम वसूल कर नोटिस थमा कर इतिश्री कर दिया है । जब कि बिना मानचित्र के शहर में भवनो के निर्माण का कोई प्राविधान नही है । फिर भी अधिकारियों की साठ गांठ से बिना अग्निशमन विभाग की एनओसी के गलियों मे व्यवसायिक काम्पलेक्स बनाए जा रहे है । जब कि नेशनल बिल्डिग कोड के तहत बिना फायर सर्विस एननोसी के इमारते खडी करने का प्राविधान नही हेै ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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