09.04..2013
हरदोई शहर के लखनऊ रोड पर बहलोली गांव में जिला रामपुर में तैनात एसडीएम रमेश चन्द्र शुक्ला हरदोई की पिं्रस कालोनी में उनका परिवार रहता है। शुक्ला जी का बड़ा बेटा प्रियम शुक्ला नोएडा में इंजीनियर है। बेटी राधा की शादी लखीमपुर में हो चुकी। दूसरे बेटे मयंक की शादी चंडीगढ़ से एक सम्भ्रान्त परिवार में तय हो चुकी थी। क्योंकि मयंक की शादी हेतु वरीक्षा कार्यक्रम सम्पन्न भी हो गया था। मयंक शुक्ला (30) सुबह 10 बजे लखनऊ रोड स्थित ग्राम बहलोली में अपने एक परिचित को 3 बीघा जमीन का पट्टा होने पर कब्जा दिलाने एवं उसमें पिलर लगाने हेतु गया था। वहीं के निवासी हरिनाम सिंह, प्रमोद सिंह, मास्टर सिंह व एक अन्य ने मारफत प्रमोद सिंह के द्वारा बुलवाया। बातचीत के दौरान उसके अभिन्न मित्र प्रमोद सिंह ने पिलर लगाने को मना किया। इनकार करने पर जब वह नहीं माना तब प्रमोद सिंह ने उसे जाते समय गोली मार दी। पीछे से राइफल से हरिनाम सिंह ने भी उसे दो गोली मारी। सतेन्द्र त्रिवेदी उस समय उसके साथ रहा। बांकी मित्र गेट के बाहर उसका इनतजार कर रहे थे। आपा धापी में सतेन्द्र त्रिवेदी को भी हाथ में गोली लगी। सूचना मिलते ही शहर में आपा धापी हकीकत जानने हेतु हरदोई अस्पताल, मर्चरी सभी जगह जिसने सुना वही पहुंच गया। हरदोई प्रशासन द्वारा अतिहातन तीन थानों की पुलिस सुरक्षा हेतु लगा दी गई। क्योंकि मयंक शुक्ला बेहतरीन स्वभाव का सबका लोकप्रिय युवक रहा। हर एक की जुबान पर 23 नवम्बर 2011 की घटना याद आई। जब शहर के स्टेशन रोड पर रात्रि 10 बजे दो युवक विजय एवं अनुभव की एक निजी बस से टक्कर होने पर मृत्यु होने पर प्रशासन के सम्मुख जोरदार प्रदर्शन का नेतृत्व मयंक शुक्ला ने ही किया था। यहां पर भी मर्डर मिस्ट्री का नायक उसका प्रिय दोस्त प्रमोद सिंह ही रहा। यह चारों युवक एक दूसरे के काफी करीब रहे। मयंक के शव का पोस्टमार्टम डाॅ वीके गुप्ता, डाॅ मयंक गुप्ता, के पैनल द्वारा किया गया। जहां पर दो गोली पीठ से एक अन्य जगह से बरामद हुई। पोस्टमार्टम हाउस पर प्रशासनिक नेता, समाजसेवी मौजूद रहे। आरोपी दो लोग पकड़े भी गए। मुख्य आरोपी प्रमोद और उनके चाचा हरिनाम सिंह अभी फरार है। शव यात्रा आज लम्बी जदोजेहद के बाद निश्चित मार्ग से प्रारम्भ की गई। जहां भारी जनसैलाब लगभग एक किलोमीटर लम्बे पुलिस संरक्षण में रहा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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