तिकोनिया पार्क मे गूंजी यदुवंशियों की हुंकार, सरकार की कानून व्यवस्था और यादव सिरमौर अखिलेश यादव की चुप्पी पर आव्रहृोश व्यक्त किया गया ।

Posted on 09 April 2013 by admin

८ अप्रैल । जनपद के पुलिस कप्तान को जनपद की जनता ना ही जानती है न पहचानती है हमेशा जनता और फरियादियों से रहता है पर्दा जब किसी सपा नेता की हत्या होती है तो मजबूरी मे निकलते है कप्तान ।
उन्ही के नक्से कदम पर चल रहे दरोगा से लेकर एडिशनल तक डी०जी०पी० शर्मा जी के तो पूरे प्रदेश की जनता अनजाने ही देखकर पहचान लेगी मगर जनपद के पुलिस कप्तान को तो बावर्दी भी जनता नही पहचानती । ये जनता की मित्र पुलिस है अगर फरियादी इनसे मिलने इनके आफिस जाये तो जाये कैसे ये केैसे आराम तलब अधिकारी है लू, धूप,  गहन अंधकार मे नही निकलते शोर पसन्द नही है अगर फरियादी जोर जोर से बोला तो कोतवाल को बुला कर लाटी चार्ज करवा देगें । अगर मीडिया को कैमरे का प्लैश चमका को और भी बुरा उसे तो पिटवाना ही है हां अगर कोई सपा नेता की हत्या होती है और सपा विधायक जिलाध्यक्ष वगैरह रोडजाम करते है तो एडिशनल को भेज दिया जाता है वर्ना दरोगा व होमगार्ड तो है ही काम चल जायेगा ।
हालात यह है कि जनपद मे इन्हे मुख्यमंत्री द्वारा आयात कर लाये हुए बमुस्किल २ माह होने को है शायद ही किसी थाने या शहर की चैकी भी देखी हो शहर के मोहल्ले या सार्वजनिक क्षेत्र की जानकारी हो हालत यह है कि शायद ही सभी पुलिस कर्मी इन्हे बाई फेस पहचानते हो तब क्यो न बिगडे जिले के हालात पुलिस के अफसर स्वयं काली फिल्मो वाले शीशे युक्त गाडियों में गुजरते है हूटर और अर्दली ही इनकी पहचान बन गये है वर्ना इन्हे पहचानना ही मुस्किल है जनपद मे इनके अल्प प्रवास के दौरान ही ग्यारह हत्याएं हो चुकी है जो कि पूरे जनपद के विभिन्न थानो से संवधित है मगर आज तक एक होमगार्ड भी दण्डित नही किया गया न ही यह जानने की कोशिश की गई कि जिले मे थाना वार कितने नामचीन अपराधी है और उन की क्या पोजीशन है ।
लगातार दिन दहाडे गोलियां चलती है हत्यायें होती है उन्हे मात्र थाने की जी०डी० मे संकलित किया जाता है या जब भीड सत्त्ताधारी नेताओं के साथ खुद अपनी संस्कार की कानून व्यवस्था से पीडित हो धरने पर बैठ जाते है तो निकलते है हमारे मिटटी के शोकेश शेर और सरकारी पारिवारिक लाभ और किसान बीमाधन देकर जनता को शांत कराते है वो भी मल्टी विटामिन उपजिलाधिकारियों के जरिये वर्ना एक दिन में जिले के हालात विगड जाये ।
हैरत तो तब होती है जब कि इतना सब कुछ होने के बावजूद भी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ऐेसी कौन सी मजबूरी है जो आम जनता के साथ साथ सपा के यादव नेताओं की जघन्य हत्याओं पर चुप्पी साधे है और पुलिस अधीक्षक समेत इन शोकेश ब्रांड अधिकारियों को जिले मे ऐश करने के लिए बैठा रखे है आखिर और कितने यदुवंशियों की संख्या पूरी होेने पर संज्ञान लेगें हमारे यदुवंश सिरमौर अखिलेश यादव जी अपराधियों की फौज बैखौफ होकर बीते २८ मार्च से ही घनश्याम यादव की हत्या के बाद ही ३ अप्रैल को उतरी गांव सभा जो कि सपा के कददावर नेता पूर्व एम.एल.सी.शैलेन्द्र प्रताप सिंह के नाम से विख्यात है के बेनी पुरवा के जवाहर यादव की नृसंस हत्या से भी नही थके तो ६ अप्रैल को ही मलिकपुर नोनरा के पूर्व प्रधान रमाशंकर यादव की दुर्लभ से दुर्लभ तरीके से हत्या पर जिले का सपा संगठन सडक पर आ गया और २५ लाख मुवाअजा तथा सरकारी नौकरी की मांग की गई वहां भी सरकारी मल्टी विटामिन दे रोड जाम हटवाया गया और आज जनपद के सभी दलो के यदुवंशियों की हुंकार तिकोनिया पार्क मे गूंजी सभी ने दलो के दलदल से उपर उठकर यादव महासभा के बैनर तले सरकार की कानून व्यवस्था को और यादव सिरमौर अखिलेश यादव की चुप्पी पर आव्रहृोश व्यक्त किया । वक्ताओं मे जिले मे हो रही हत्याओं को पुलिस निष्क्रियता करार दे कठोर कार्यवाही की मांग की है ।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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