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सी.एम.एस. अलीगंज (प्रथम कैम्पस) द्वारा ‘डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स’ का भव्य आयोजन आध्यात्मिक व नैतिक गुणों से परिपूर्ण बालक बनेंगे सामाजिक उत्थान में भागीदार डा. जगदीश गाँधी, प्रख्यात शिक्षाविद् व संस्थापक, सी.एम.एस.

Posted on 05 April 2013 by admin

edited-cultural-divine4 अप्रैल। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, अलीगंज (प्रथम कैम्पस) द्वारा ‘डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स’ का भव्य आयोजन आज विद्यालय के विशाल प्रांगण में उल्लासपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर बड़ी संख्या में उपस्थित अभिभावकों के समक्ष विद्यालय के छात्रों ने सार्वभौमिक जीवन मूल्यों, विश्वव्यापी चिंतन, विश्व की सेवा के लिए तथा सभी चीजों में उत्कृष्टता विषय पर अपने ओजस्वी विचारों से अभिभावकों को गद्गद् कर दिया एवं ‘डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स’ के माध्यम से स्कूली प्रक्रिया में अभिभावकों को साझीदार बनाने के सी.एम.एस. के प्रयास को सफल बना दिया। समारोह में विद्यालय के छात्रों ने ईश्वरीय एकता व आध्यात्मिक चेतना का आलोक बिखेरते रंगारंग शिक्षात्मक-साँस्कृतिक प्रस्तुतियों से दर्शकों के रूप में उपस्थित अभिभावकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं एवं वार्षिक परीक्षाओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को पुरष्कृत कर सम्मानित किया गया।

समारोह में छात्रों एवं अभिभावकों को सम्बोधित करते हुए सी.एम.एस. अलीगंज (प्रथम कैम्पस) की प्रधानाचार्या श्रीमती ज्योति कश्यप ने कहा कि भौतिक ज्ञान के साथ-साथ आध्यात्मिक व नैतिक ज्ञान की शिक्षा ही छात्रों को ‘टोटल क्वालिटी पर्सन’ बना सकती है तथापि यही छात्र आगे चलकर सामाजिक उत्थान में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे। श्रीमती कश्यप ने आगे कहा कि विश्व एकता की शिक्षा जीवन में यह आशा जगाती है कि रात चाहे जितनी अंधेरी हो सुबह उतनी सुहानी होगी। उन्होंने कहा कि ‘विश्व एकता की शिक्षा आज के युग की सर्वाधिक आवश्यकता है’ इस विचार को समझने एवं संसार के प्रत्येक व्यक्ति का अभियान बनने में अब ज्यादा देर नहीं है। इस अवसर पर बोलते हुए सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने कहा कि एक सामाजिक संस्था के रूप में स्कूल का उत्तरदायित्व सबसे अधिक महत्वपूर्ण एवं व्यापक है। स्कूल पर समाज की सबसे महत्वपूर्ण एवं समाज की प्रथम इकाई बालक को एक अच्छा इंसान बनाने की जिम्मेदारी होती है। यह समाज को मार्गदर्शन देने वाली ईश्वरीय प्रकाश से प्रकाशित सामाजिक संस्था है। अतः एक खुशहाल समाज के नव निर्माण हेतु स्कूलों द्वारा बालकों को भौतिक, सामाजिक तथा आध्यात्मिक तीनों प्रकार की संतुलित या उद्देश्यपूर्ण शिक्षा देनी चाहिए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री

agnihotri1966@gmail.com

sa@upnewslive.com

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