लोक साहित्य के साथ लोकगायकी के उत्थान के लिऐ ढाई वर्ष पूर्व सोन चिरैया संस्था की स्थापना कर लोक से महानगरों को परचित कराने तथा विलुप्त होने की ओर पहुच रही लोकविधा के संरक्षण में लगी सुप्रसिद्ध लोकगायिका मालिनी अवस्थी ने बताया कि राजधानी लखनऊ में 5 अप्रैल को सोन चिरैया बसंती चैती बयार कार्यक्रम का आयोजन कर रही है। उत्तर प्रदेश संगीत नाटक आकादमी परिसर के खुले मंच पर आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महामहिम राज्यपाल बीएल जोशी तथा विशिष्ट अतिथि सुधीर दुबे मुख्यमहाप्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक होगें। कार्यक्रम का शुभारम्भ सर्व मंगला देवी सुमिरन के पचरा गीतों से होगा। वीरों के मन में उमंग जगाने वाले वीर काव्य आल्हा का गायन केन्द्रीय विद्यालय लखनऊ के 150 बच्चों द्वारा किया जायेगा। इस कार्यक्रम का सयोजन अवधी आल्हा गायक फौजदार सिंह के द्वारा किया जायेगा। राजधानी की कामकाजी गृहणियों को उनके हुनर को मंच पर दिखाने का अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से दादी और नानी के साथ बालिकाओं को मिलाकर 50 महिलाओं का एक ग्रुप बनाया गया। इस ग्रुप को लोकगायिका मालनी अवस्थी ने होली और चैती गीतों को गाने का ढंग सिखाया। उनके माध्यम से घर आंगन 50 महिलायें सामूहिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगी। प्रहलाद कुर्मी के नेतृत्व में बुन्देलखंड से आये लोक कलाकारों द्वारा बुन्देली राई नृत्व तथा ईसुरी की फांगे गायी जायेगी। थारू जनजाति के लोक नृत्य तथा ब्रज होरंगा दाऊजी की आरती तथा महाआरती के साथ-साथ गाजीपुर के मोहन राठौर द्वारा कचरा गायन तथा शीलू सिंह राजपूत नये प्रयोग के साथ पुरूष गायकी को चुनौती देती हुई वीर रस की महाकाव्य आल्हा गायन प्रस्तुत करेगी। इस अवसर पर लोक साहित्यकार डा0 सूर्यप्रसाद दीक्षित-अवधी , डा0 अर्जन दास केसरी-सोनांचली, अयोध्या प्रसाद कुमुद-बुन्देली को सम्मानित किया जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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