3 अप्रैल। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, महानगर (प्रथम कैम्पस), महानगर (द्वितीय कैम्पस) तथा कानपुर रोड कैम्पस द्वारा आज ‘डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स’ का भव्य आयोजन किया गया। जहाँ एक ओर सी.एम.एस. महानगर (द्वितीय कैम्पस) का ‘डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स’ सी.एम.एस. गोमती नगर आॅडिटोरियम में सम्पन्न हुआ तो वहीं दूसरी ओर सी.एम.एस. महानगर (प्रथम कैम्पस) एवं कानपुर रोड कैम्पस का ‘डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स’ सी.एम.एस. कानपुर रोड कैम्पस में आयोजित हुआ। इस अवसर पर विद्यालय के छात्रों ने ईश्वर भक्ति से परिपूर्ण अपने गीत-संगीत के माध्यम से ईश्वरीय एकता का ऐसा आलोक बिखेरा कि दर्शक व अभिभावक मंत्रमुग्ध हो गये। समारोह में चारों कैम्पस के छात्रों ने अभिभावकों के समक्ष न सिर्फ अपने ज्ञान-विज्ञान का अपितु गीत, संगीत व नृत्य द्वारा अपनी बहुमुखी प्रतिभा का अभूतपूर्व प्रदर्शन किया। इस अवसर पर विद्यालय के छात्रों ने सार्वभौमिक जीवन मूल्यों, विश्वव्यापी चिंतन, विश्व समाज की सेवा तथा सभी चीजों में उत्कृष्टता विषय पर अपने सारगर्भित विचारों से अभिभावकों को मंत्रमुग्ध कर दिया तथापि विद्यालय द्वारा प्रदान की जा रही नैतिक, चारित्रिक व आध्यात्मिक शिक्षा का शानदार प्रदर्शन किया। इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में सर्वोच्चता अर्जित करने वाले छात्रों व वार्षिक परीक्षाओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को पुरष्कृत कर सम्मानित किया गया।
सी.एम.एस. महानगर (द्वितीय कैम्पस) द्वारा सी.एम.एस. गोमती नगर आॅडिटोरियम में आयोजित ‘डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स’ में अभिभावकों को सम्बोधित करते हुए प्रख्यात शिक्षाविद् व सी.एम.एस. संस्थापक डा. जगदीश गाँधी ने कहा कि समाज में धर्म-जाति के नाम पर हो रही मारामारी तथा आपाधापी से उत्पन्न बुरी स्थिति के लिए सामान्यतया लोग राजनेताओं तथा धर्मगुरूओं पर दोष मढ़ते पाये जाते हैं। ये सभी बचपन में पढ़ने के लिए किसी न किसी विद्यालय में अवश्य गये होंगे। स्कूल ने बचपन से जैसे संस्कार एवं विचार दिये हंै, बालक वैसे बन गये? बालक को अच्छा या बुरा बनाने की असली जिम्मेदारी तो हम स्कूल वालों की ही बनती है। हम स्कूल वाले इस भूल के लिए इसलिए दोषी हैं क्योंकि हमने यह क्यों नहीं बताया कि ईश्वर एक है, धर्म एक है, मानव जाति एक है। यह सारी धरती हमारी माता है। परमात्मा हमारा पिता है। सभी धरती वासी हमारे कुटुम्ब के सदस्य हैं। हमें अपने परिवार के सदस्यों के रूप में भेदभाव रहित होकर उनकी सेवा करनी चाहिए। इस प्रकार एक स्वस्थ तथा अच्छे समाज की नींव (आधारशिला) स्कूल में रखी जाती है।
इस अवसर पर सी.एम.एस. महानगर (द्वितीय कैम्पस) की प्रधानाचार्या श्रीमती वीरा हजेला ने कहा कि बाल्यावस्था बीत जाने के बाद व्यक्ति को शिक्षा देना अत्यन्त कठिन होता है। अतः बचपन में ही सुदृढ़ नींव रखी जानी चाहिए। शिक्षा का उद्देश्य बालक के अंदर छिपी शक्तियों तथा क्षमताओं को विकसित करना है। वहीं सी.एम.एस. कानपुर रोड कैम्पस की प्रधानाचार्या डा. (श्रीमती) विनीता कामरान ने कहा कि आध्यात्मिक दृष्टिकोण के अभाव में मनुष्य द्वारा लिया जा रहा कोई भी निर्णय मानव जाति के विनाश का कारण बन सकता है। इसी प्रकार सी.एम.एस. महानगर (प्रथम कैम्पस) की प्रधानाचार्या श्रीमती नलिनी शरद ने कहा कि खुशहाल समाज के नव निर्माण हेतु स्कूलों द्वारा बालकों को भौतिक, सामाजिक तथा
आध्यात्मिक तीनों प्रकार की संतुलित या उद्देश्यपूर्ण शिक्षा आज की महती आवश्यकता है। सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि सी.एम.एस. अपने छात्रों का सर्वांगीण विकास कर ‘टोटल क्वालिटी पर्सन’ बनाने को दृढ़-संकल्पित है तथा इसी उद्देश्य को लेकर यह आध्यात्मिक शिक्षा सम्मेलन आयोजित किये जा रहे हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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