भारतीय जनता पार्टी ने अयोध्या में पिछले 9 साल से अनवरत चल रही रामकथा और रामलीला के धनाभाव में बंद होने की कडी भर्तस्ना करते हुए प्रदेश की सपा सरकार पर करोड़ो हिन्दुओं की आस्था और विश्वास पर कुठाराघात करने का आरोप लगाया। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने आज यहां संवाददाताओं से चर्चा के दौरान आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश की सपा सरकार मुस्लिम तुष्टिकरण में इतनी अंधी हो गयी है कि वह हिन्दुओं की आस्थाओं से भी खेलने में भी गुरेज नही कर रही है।
उन्होनंे कहा कि प्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग के अधीन स्वयतशासी आयोध्या शोध संस्थान पिछले 09 वर्षो से लगातार रामलीला का आयोजन कर रहा था। प्रदेश सरकार द्वारा मात्र 90 लाख न जारी होने के कारण इस रामलीला का मंचन और रामकथा का आयोजन 01 अप्रैल से बंद कर दिया गया। ये करोड़ों हिन्दुओं की आस्थाओं के साथ खिलवाड़ है।
श्री पाठक ने कहा आयोध्या स्थित तुलसी स्मारक भवन में धनाभाव के कारण न केवल रामलीला बंद हो गई है वरन वहां होने वाली रामकथा को भी बंद कर दिया गया है। एक तरफ तो विकास के लिए आंवटित धन सरकार खर्च नही कर पा रही है, वहीं दूसरी ओर वर्षो से चली आ रही परम्परा मात्र इसलिए बंद कर दी जाये की सरकार ने बजट नही दिया। कितना दुर्भाग्य पूर्ण है।
उन्होंने कहा कि सरकार की मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति की पराकाष्ठा का परिणाम हो रहा है कि हिन्दु मान्यताओं पर तो कुठाराघात हो ही रहा है लगातार भगवान बुद्ध की प्रतिमाओं का खण्डन जारी है। आज बहराइच जनपद के बौद्ध विहार में भगवान बुद्ध की प्रतिमा को छतिग्रस्त कर दिया गया। इसी प्रकार 17 अगस्त के लखनऊ में अराजक तत्वों द्वारा भगवान बुद्ध और महावीर की प्रतिमाओं को छतिग्रस्त किया गया आरोपी आज भी पकड़ से बाहर है।
श्री पाठक ने कहा कि अखिलेश सरकार ये भूल गई की इस रामलीला की शुरूआत सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्रित्व काल में सन 2004 में शुरू हुई थी। उन्होनंे कहा कि मुस्लिम तुष्टिकरण के नाम पर प्रदेश सरकार मुस्लिम बालिकाओं को 30 हजार रूपये की सरकारी सहायता दे सकती है लेकिन श्री राम जो कि हिन्दु आस्था के प्रतीक है के नाम पर 90 लाख रूपया जारी नही कर पायी। ये अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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