उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि नगरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए वर्तमान सरकार गम्भीरता से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि मूलभूत सुविधाओं की कमी वाले क्षेत्रों के विकास के लिए प्रदेश सरकार फायदे में चल रहे प्राधिकरणों से धनराशि लेकर एक इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट निधि का गठन करेगी। उन्होंने कहा कि नगरों का विस्तार तेजी से हो रही है। इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों से नगरों में आने वाले लोगों के लिए मूलभूत सुविधाओं का विकास किया जाना आवश्यक है। मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक समारोह में नवीन ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा), ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण तथा यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की लगभग 3337 करोड़ की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण/शिलान्यास करने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर श्री यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य को स्थाई विकास की ओर ले जाने का प्रयास कर रही है क्योंकि प्रदेश के विकास के बिना देश का विकास सम्भव नहीं है। आज कई हजार करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण इसी दिशा में किया गया एक ठोस प्रयास है। उन्होंने कहा कि नोएडा देश की राजधानी दिल्ली से मिला नगर है, इसलिए इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि नोएडा में हो रहे औद्योगिक विकास और पूंजी निवेश का लाभ पूरे प्रदेश को मिलेगा। प्रदेश को खुशहाल बनाने, ज्यादा से ज्यादा पूंजी निवेश आकर्षित करने तथा अधिक से अधिक उद्योग स्थापित कराने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक ओर औद्योगिक विकास के जरिए जहां शहरों का विकास हो रहा है, वहीं सरकार किसान व गरीबों के विकास को लेकर भी दृढ़ संकल्पित है। मुख्यमंत्री ने नोएडा की यातायात जैसी समस्याओं से जनता को निजात दिलाने के लिए ठोस योजना बनाने का निर्देश देते हुए कहा कि नोएडा में मूलभूत सुविधाओं का विकास देश की राजधानी दिल्ली से भी बेहतर होना चाहिए। मुख्यमंत्री द्वारा जिन परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया, उनमें सेक्टर 39 नोएडा में जिला अस्पताल लागत 424 करोड़, सेक्टर 51 नोएडा में बालिका इण्टर काॅलेज, लागत 35 करोड़ रुपए, सेक्टर 123 नोएडा में 400 के.वी. तथा सेक्टर 148 में 400/220 के.वी. क्षमता के विद्युत उपकेन्द्रों का शिलान्यास, लागत 1016 करोड़ रुपए, सेक्टर 34 में 22 करोड़ की लागत से बनने वाले नारी निकेतन के भवन, नोएडा सेक्टर 32,35,39 तथा 51 के चैराहों पर प्रस्तावित अण्डर पास लागत 50 करोड़ रुपए, नोएडा में सेक्टर 94,95 का मास्टर प्लान रोड नं0 3 के चैराहा पर प्रस्तावित अण्डर पास लागत 40 करोड़ रुपए, सेक्टर 18 नोएडा में मल्टीलेवल कार पार्किंग, लागत 250 करोड़ रुपए शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर नोएडा सेक्टर 123 में निर्मित 35 एम.एल.डी. क्षमता के सीवेज शोधन संयंत्र (एस.बी.आर. तकनीक) लागत 40 करोड़ रुपए का लोकार्पण भी किया।
श्री यादव ने ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण की परियोजनाओं चिकित्सा विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा, लागत 500 करोड़ रुपए, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के प्रशासनिक भवन के निर्माण कार्य, लागत 300 करोड़ रुपए तथा समाज के सभी वर्गों हेतु वहन योग्य 7200 भवनों के निर्माण कार्य, लागत 400 करोड़ रुपए का शिलान्यास किया।
इसी के साथ ही मुख्यमंत्री ने यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की परियोजनाओं, समाज के सभी वर्गों हेतु वहन योग्य 4425 भवनों के निर्माण कार्य, लागत 250 करोड़ रुपए तथा यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण में 33 के.वी. विद्युत उपकेन्द्र, लागत 10 करोड़ रुपए का शिलान्यास किया। इस मौके पर उन्होंने चिकित्सा विश्वविद्यालय, गे्रटर नोएडा में वाह्य रोगी विभाग की शुरुआत करते हुए निर्देशित किया कि रोगियों को आवश्यक दवाएं एवं अन्य सुविधाएं सुलभ कराई जानी चाहिए।
इस मौके पर लोक निर्माण मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश को विकास पथ पर ले जाने हेतु किए जा रहे ठोस प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री को बधाई देते हुए कहा कि प्रदेश में पूंजी निवेश और औद्योगिक विकास के रास्ते खुल रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन तथा मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उद्यमियों की समस्याओं को सुगमता से निस्तारित करने के लिए प्रतीक के रूप में कुछ उद्यमियों को गोल्ड कार्ड भी वितरित किए। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री एवं अन्य उपस्थित लोगों का स्वागत प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास संजय अग्रवाल तथा धन्यवाद ज्ञापन नोएडा, ग्रेटर नोएडा तथा यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी रमा रमण ने किया। कार्यक्रम में राज्य मंत्रिमण्डल के सदस्यगण तथा अन्य जनप्रतिनिधि एवं प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री राकेश गर्ग सहित सभी अधिकारी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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