१ अप्रैल । जनपद का दुर्भाग्य है कि जनपद मे दोनो बडे आला अधिकारियों द्वारा मीडिया को लगातार उपेक्षित किया जा रहा है जिससे पूरे पत्रकार जगत में क्षोभ व्याप्त होता जा रहा है । जिसकी आंच विकास पुरुष अखिलेश यादव के महत्वपूर्ण योजनाओं पर भी पडनी शुरु हो गई है ।
हैरत है कि जनपद की जिलाधिकारी के पास सारे कामो के बावजूद अखबारो से जुडे मान्यता प्राप्त पत्रकारो की मान्यता फाईल को देखने और उस पर हस्ताक्षर करने की भी फुर्सत नही है जिसकी अन्तिम तारीख २८ फरवरी थी उसे बीते एक माह से ज्यादा होने को है फिर भी अभी तक मैडम के हस्ताक्षर की प्रत्याशा मे फाईल पडी है । जिससे मान्यता प्राप्त पत्रकार कुठित हो रहे है ।
प्रायरू ये पत्रकार सूचनाधिकारी से सम्पर्क करते है तो बताया जाता है कि अभी कुछ नही हुआ । सोचिए जरा जनपद मे जब मीडिया कर्मियों के साथ जिलाधिकारी का बर्ताव है तो अन्य विभागो व विभागाध्यक्षो का एक निरीह और गंवई जनता के साथ क्या हाल होगा । यही नही जनपद के जाने कितने कार्य इसी तरह अटके होगे उससे भी ज्यादा आश्चर्य की बात है कि सूचना मंत्रालय स्वयं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पास है जो कि नित नये नये विकास की योजनाओं की जनहित मे घोषणाये करते जा रहे है मगर ये घोषणाएं उ०प्र० की राजधानी सें चल कर जनपद के आलाधिकारियों की अलमारियों मे कैद हो जा रही है ।
न जनता को पता न मीडिया को कब बजट आया कब योजना लागू हुई कोई नही जानता अब सरकारी बैठको की सूचना पत्रकारो को नही दी जाती न ही आलाधिकारी आम जनता तक सरकार की योजनाओं को प्रेस के माध्यम से जाने देना चाहते है यही कारण है कि सरकार को सत्त्ता संभाले १ वर्ष हो चुके है मगर जिले के लोगो को बदलाव न तो दिख रहा है न सुनाई दे रहा है इसके लिए जनपद के आलाधिकारी ही अपनी सरकार को चेतना शून्य और नक्कारा बनाने मे जुटे है उसी का अनुसरण छोेटे कर्मचारी व अधिकारी भी कर रहे है ।
मीडिया कर्मियों ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि जनता और मीडिया की उपेक्षा बन्द कराई जाये और अधिकारियों की कार्यशैली की गोपनीय जांच कराई जाये ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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