३१ मार्च । जनपद सुलतानपुर उ०प्र० मे अनोखा जनपद है यहां पर पर्यावरण दिवस का कोई मायने नही है ।
जिले का पर्यावरण सुधारने के लिये वन महकमा प्रतिवर्ष लाखो रुपये फाईलो मे खर्च कर रहा है वही मनरेगा योजना के तहत गांव गांव वृक्षारोपण मे लाखो रुपये खर्च किये गये मगर न कही वृक्ष दिखते है न पर्यावरण वाहिनी न ही औद्यानिक मिशन ही कही सव्रिहृय दिख रहा है।
फाइलो मे बिल बाउचरो मे जरुर वृक्षा रोपण दिखेगा वही पूरे जिले मे सड़क चैडी करण अथवा निजी उपयोग के लिए वन विभाग जरुर परमिट जारी करता जा रहा है जगह जगह पुलिस के थाने के दरोगा व हल्का सिपाही धरा के आभूषण को नेस्तनाबूत करने मे जुटे है।
वही नये वृक्ष रोपने का आदेश माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद नही लगाये जा रहे है जिलाधिकारी की नाक के नीचे दर्जनो जनरेटर एक लाईन से जहर यानि कार्बन डाई आक्साईड उगल रहे है जो कि सीधे साधे वायु प्रदूषण फैला रहे है।
मगर नगर मे सिटी मजिस्टेट व पुलिस अधीक्षक के कार्यालय के सामने प्रतिदिन ये हो रहा है मगर रोकने वाला कोई नही है कारण साफ है कि पर्यावरण या प्रदूषण फैलेगा भी तो इन अधिकारियो की सेहत पर क्या असर पे सब सब बेकार की बाते है ।
मगर न जिला प्रशासन ने कभी रोका न वनराज ने, न ही जिले के जन प्रतिनिधियो ने ही इसका विरोध किया आज हालत यह है कि जिले का एक अदद पर्यावरण पार्क अब शहर वासियों को सुख नही अराजक तत्वो का अडडा बन गया है ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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