३० मार्च ।
सोचा जा सकता है कि पूरे वर्ष भरपूर बजट के बावजूद विकास महकमे जनहित का कार्य भी नही करना चाहते हालत यह है कि जिस कार्य मे कमीशन और धन तुरंत मिलने की उम्मीद हो वही कार्य पूरे किये जाते है बकाया फरवरी मार्च के लिए छोड दिये जाते है विडंमना यह है कि सरकार भी यह जानती है कि कार्य कैसे हो रहा है ।
चाहे लोहिया आवास हो या इंदिरा आवास हो या मलिन निर्बल वर्ग का आवास मामला हो सभी मे वर्ष भर काम के बावजूद बजट के भरपूर रहते कार्य नही होते जबकि इन कार्यो के निरिक्षण के लिए जिले मे मुख्यविकास अधिकारी परियोजना निदेशक सेकरेट्री खण्ड विकास अधिकारी सभी मौजूद है और भारी भरकम यात्रा भत्ता वेतन ले रहे गाडी बगला अर्दली सभी कुछ है फिर भी सरकार की महत्वपूर्ण योजना का लाभ गांव गरीब को नही मिलता दिन रहा है ।
सारे अमले मिलाकर भी उचित पात्र नही ढूढ पा रहे है यहां तक कि ए.पी.एल. गरीबो को तीन माह पूर्व आवंटित खाद्यान्न विचैलियों और कोटेदरो ने हजम कर लिया मगर आज भी सरे महकमे मिलकर पात्रो का चयन नही कर पाये यही हाल स्वास्थ्य विभाग का है जहां तमाम योजनाएं कागजो और पाकेट संस्थाओ के माध्यम से चलाई जा रही है न चश्मा न क्षय रोगियों का डाट््स केन्द्र न प्रशूताओ को भोजन न यात्रा सुविधा यहां तक कि आशा बहुओं के भत्ते मे भी सेंध लगा रहे है ।
स्वास्थ्य महकमे के घोटाले बाज बाबू और प्रभारी अधिकारी एक उदाहरण देखिए जिले मे चल रहे खसरा टीका करण का न प्रचार न प्रसार न कर्मी उधार के कर्मचारियों से टीकाकरण लक्ष्य पूरे करने का दंभ भर रहे जिले के अधिकारी एक दूसरे को बधाई और फर्जी रिपोर्टग पर शासन की वाह वाही लूट अभियान का बजट खपा दिया जा रहा है यहां तक कि दूसरे विभाग से मंगाये गये कर्रि्मयों को पानी तक नही मुहैया करा सका स्वास्थ्य महकमा बंद स्कूलो निजी घरो मे हो रहा टीका करण जिसे जिला के अधिकारी ने भी आल इज बेल करार दे दिया ।
हद तो तब हो गई जब इस अभियान का निरिक्षण करने न तो जिला प्रशासन बूथो तक गया न अभियान के प्रभारी ही कही निकले और अभियान शत प्रतिशत सफल रहा यही हाल जिले के लगभग सभी विभागो का है जहां फर्जी बिल बाउचर के माध्यम से कंटीजेन्सी व स्टेशनरी यात्रा बिल का भुगतान कर राजस्व की लूट जारी है यही है ३१ मार्च और जिले के विकास का सच कहावत है जो धन सरकार का वो कर्मचारी का जनता जाये भाड में ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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