३० मार्च । लगातार दो वर्षो से सायंकालीन अदालत चलाये जाने की मंशा के कारण अधिवक्ताओं के विरोध के चलते जनपद में प्र्रत्येक सप्ताह में शनिवार के दिन हडताल बिना किसी अवरोध के जारी है । शनिवार के दिन दीवानी के न्यायालयों मे अधिवक्तागण न्यायिक कार्य से विरत रहते है ।
विदित हो कि दो वर्ष पूर्व बार एसोसिएसन के जनरल सभा की बैठक में सांय कालीन अदालत चलाये जाने के विरोध मे एक प्रस्ताव पारित किया गया है कि प्रत्येक शनिवार को अधिवक्तागण विरोध स्वरुप सांय कालीन अदालत जब तक समाप्त नही किया जाता है तब तक सांकेतिक हडताल पर रहते हुए न्यायिक कार्य से विरत रहेगें । न्यायालयो के पीठासीन अधिकारी भी इस हडताल को किसी न किसी रुप मे उपयोग करते हुए ज्यादातर मुकदमा आदेश के लिए नियत कर लेते है । जिससे उन्हे मासिक कोटा की पूर्ति भी आसानी से हो जाती है और छोटे मोटे मुकदमोे के निस्तारण के लिए शनिवार को ही लोक अदालत भी लगायी जाती है ।
सुलह समझौते के मुकदमें भी शनिवार के दिन आसानी से निपट जाते है इन परिस्थितियों मे ज्यादातर बादकारी जो मुकदमे मे वादी होते है उन्हे जरुर निराशा हाथ लगती है क्योकि विपक्षीगण ज्यादातर शनिवार का फायदा उठाने मे कामयाब हो जाते है ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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