जनपद के खैराती अस्पताल - हालात बद से बदतर न जिलाधिकारी को चिंता न जनप्रतिनिधि को चिंता।

Posted on 30 March 2013 by admin

३० मार्च । जनपद के खैराती अस्पताल मे आज भी बसपा कार्यकाल का वजूद कायम है । चहुं ओर दलाल और अराजक तत्वो का बोलबाला, दवा नदारद, डाक्टर नदारद, चतुर्थ श्रेणी, मरीजो के शिकार मे मस्त बाबू फर्जी बिल बाउहृचरो मे मशगूल जिला स्वास्थ्य समिति मात्र कागजो व कलेक्टर के सभाकक्ष तक सीमित सपा विधायको को चुनाव जीतने के बाद नही है गांव गिरांव के गरीबो के ईलाज की चिंता उन्हे तो चिन्ता है मात्र लालबत्ती और अपने चापलूसो के ठेको की, हालात बद से बदतर न जिलाधिकारी को चिंता न जनप्रतिनिधि को चिंता सब कुछ बसपा कार्यकाल का नजारा दिखता है ।

न सपा सरकार की कोई धमक न स्वास्थ्य मंत्री की हनक ईमानदारी का वजूद जिला अस्पताल परिसर मे दिखाई देता है डाक्टर सरकारी बंगलो मे पैसा लेकर मरीज देखते है । दवा औषधि भण्डार से गायब होकर मेडिकल स्टोरो पर पहुंचती है । जिले के दूसरे धोर से सैकडो खर्च कर मरीज कुत्ते की सुई लगवाने जिला अस्पताल आता है यहां भी दलाल पैसा वसूल लेते है पर्चे की लम्बी लाईन, ओ०पी०डी० मे या तो डाक्टर नही है या है भी तो एम.आर.से बातो मे मस्त है ।

जमीन पर गरीब बीमार लेटे अपनी बारी का इन्तजार ही करते रह जाते है । ११ बजे आये डाक्टर २ घण्टे मे ही दर्जनो को निपटा देते है आला कही लगाते है आंखे और मुह एम.आर.की तरफ रटी रटाई दवा पर्चे पर लिख देते है मिले तो मिले नही तो बाहर से लाओं । ठीक ढंग से दिखाना है तो बंगले पर दो बजे के बाद आओं या नर्सिग होम मे दिखाओं हालद बद से बदतर है अल्ट्रासाउंड मशीन, एक्स रे मशीन मार्च के बजट की आशा मे खराब है । बिजली का जनरेटर खराब है चूंकि मार्च है रिपेरिंग का वजट दिखाना है । डीजल नही है ए०सी०भी खराब है । आखो का चस्मा एन.आर.एच.एम. से प्रहृी नही मिलता । उसकी केवल बंद कमरो मे गोस्ठी की जाती है । क्षय रोगियों को न तो दवा मिलती है न ही प्रहृी एक्स रे होता है । सेट पैथालाजी पर प्राईवेट एक्सरे के लिए खुले आम लिखा जाता है । प्रहृी दाल रोटी, दूध आदि सुविधा अब बेमानी हो चली है शायद ही कभी दिया जाता हो जब प्रहृी मे इन्जेक्सन नही लगता तो अन्य सुविधा क्या खाक मिलेगी यही कारण हेै कि आये दिन मरीजो के तीमारदारो की भिंडत स्वास्थ्य कर्मियों से होती है वैसे भी सपा सरकार की राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त महिला आयोग की उपाध्यक्ष ने स्वास्थ्य विभाग को क्लीन चिट दे दी है जबकि आज भी पुरानी चादरे पुराने बेड पुराने कम्बल मेंटीनेस के बजट खपाने को कायम है ।

महिला चिकित्सालय मे तो कदम रखते ही पैसा लगता है जो जहां है वहां शिकार तलसाता रहता है । यहां तक कि चाय के ठेले से गुमटी वाले से चना बेंचने वाले तक से प्रतिदिन वसूली की जाती है मगर सभी को आजादी जिलाधिकारी की स्वास्थ्य टीम ने दे रखी है । शायद ही कभी औचक निरिक्षण हुआ है शायद ही कभी उपजिलाधिकारी व विधायक मंत्री हकीकत देखने आकस्मिक रुप से आये हो टीकाकरण हो या जननी सुरक्षा का चेक बदस्तूर वसूली जारी है ।

जब इस परिसर मे मौजूद सी०एम०ओ० अपने कमरे निकालकर शायद ही कभी वार्डो मे औचक निरिक्षण करने गये हो या किसी मरीज को देखने की जहमद उठाई हो सब कुछ वैसे ही चल रहा है जैसे बसपा काल मे चल रहा था । जनता भी अब शिकायत नही करती बल्की तगडी चोट करती है जिससे सत्त्ता तक बदल जाती है ।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री

agnihotri1966@gmail.com

sa@upnewslive.com

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