29 मार्च 2013, भारतीय जनता पार्टी ने राज्य सरकार के खत्म हो रहे इक्बाल, बदरंग हो रहे उत्तर प्रदेश की पुलिस के चेहरे पर चिंता व्यक्त की है। पार्टी के राज्य ईकाई के प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर मे थानो में हुडदंग मचा रही, नशे में नाच रही पुलिस तथा इलाहाबाद में पुलिस का मूकदर्शक चेहरा राज्य की बदहाल कानून व्यवस्था का ताजा तरीन उदाहरण है।
पार्टी के राज्य मुख्यालय पर संवाददाताओं से चर्चा में श्री विजय बहादुर पाठक ने कहा कि अन्य राज्यों से कम है अपराध और आबादी के हिसाब से अपराध के आंकड़ों पर नजर डालने की वकालत करने वाले सपा प्रमुख और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आखिर मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर मे थानो में हुडदंग मचा रही, नशे में नाच रही पुलिस पर क्या कहेंगे। इलाहाबाद में सरेआम हो रही मारपीट, गोलीबारी की घटना में मूकदर्शक पुलिस का चेहरा राज्य के हालात को बयां करने के लिए काफी है। अब होली के दिन की घटना है। जब चैनलों ने इस घटना को दिखाया तो सरकार ने पुलिस कर्मियों के निलम्बन की बात कह कर मामले को रफा-दफा करने की बात कही। सवाल यह उठता है कि जब यह घटना घटी तो क्षेत्रों में तैनात अधिकारियों ने अपने स्तर से कोई कार्यवाही क्यों नही की। जवाबदेही तो तय हो, आखिर कब तक उच्च पदों पर बैठे लोग छोटे अधिकारियों/कर्मचारियों पर कार्यवाही कर अपना पल्ला झांडते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि नित हर घटना के लिए चैनलों और मीडिया को दोषी ठहराने वाले क्या बतायेगंे कि चैनलों में चलने से पहले सरकार के पास यह खबर थी और यदि खबर थी तो खबर दिखाने के पहले सरकार ने कोई ठोस कार्यवाही क्यों नही की ? मीडिया पर लगातार दोषारोहण तो किया जा रहा है पर चाहे संतोषपुरा हो अथवा चन्दौली , मुरादाबाद या इलाहाबाद हर घटना पर कार्यवाही तो मीडिया में आने के बाद ही हुई। आज सुल्तानपुर में सपा नेता की हत्या से उपजा असंतोष रहा हो अथवा शेरपुर मथुरा की घटना हर घटना को बेबाकी से दिखाने के लिए मीडिया बधाई की पात्र है।
श्री पाठक ने कहा कि इलाहाबाद मे मारपीट की घटना साफ-साफ चैनलों पर दिख रही है। पुलिस कर्मी हाथ बांधे खड़ा है। मामला पुलिस कर्मी परिवार से सम्बंधित है तो क्या पुलिस हाथ बांधे खड़ी रहेगी। जो जिम्मेदार लोग है जिन लोगों ने लापरवाही बरती उन पर क्या कार्यवाही हुई। बार-बार कानून व्यवस्था ठीक है के दावे हो रहे है परन्तु हालात यह है कि मुख्यमंत्री का अपना गृहजनपद इन दावों से इतर रिर्काड बनाने में जुटा है। चाहे वो पुलिस का हीला हवाली के कारण संतोषपुरा की घटना हो या आज ककैयापुर(थाना चैबिया) में एक दलित के साथ हुई घटना हो। पुलिस का रवैया शर्मशार करता हुआ नजर आया।
उन्होंने कहा कि आज मुख्यमंत्री के गृह जनपद के ककैयापुर (थाना चैबिया) में एक किसान काल के ग्रास में समा गया। उसकी सायं 4 बजे मौत होती है पुलिस की संवेदनहीनता यह है कि अभी तक प्राथमिकी दर्ज नही हुई। सूचना मिलने के बाद लाश उठाने में 20 घण्टे लग जाते है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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