सीएसआईआर-केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान में आज दिनांक 26 मार्च को वार्षिक दिवस मनाया गया। कार्यक्रम का आरम्भ दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। डा. चन्द्र शेखर नौटियाल, निदेशक, सीएसआईआर-सीमैप ने अतिथियों का स्वागत किया एवं वर्ष 2012-13 की महत्वपूर्ण उपलब्धियों को बताया। डा. नौटियाल ने बताया कि सीएसआईआर की सिस्टर प्रयोगशालाओं में सामंजस्य स्थापित कर शोध कार्य किया जायेगा। इस दिशा में सीएसआईआर-सीमैप द्वारा सीएसआईआर-आईआईआईएम, जम्मू द्वारा विकसित प्रोडक्ट का वैल्यू एडिशन किया जायेगा। इसी तरह का लिंकेज सीएसआईआर-आईएचबीटी से भी किया जायेगा। डा. नौटियाल ने पिछले एक वर्ष में सीएसआईआर-सीमैप द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में किये गये कार्यों के बारे में भी बताया। इसमें मेंथा का प्रदर्शन, पूर्वी तथा उत्तर पूर्वी राज्यों में किया गया इसके साथ-साथ सीमैप ने उत्तर प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में भी परियोजनाओं का आरम्भ किया गया जिसमें मेंथा व आर्टीमीसिया का प्रदर्शन दुधवा क्षेत्र के आदिवासियो ंके लिए व कालमेघ तथा अश्वगंधा का प्रदर्शन सोनभद्र जिले के आदिवासियो ंके लिए किया गया। डा. नौटियाल ने सीमैप, एनबीआरआई व जम्मू स्थित आईआईआईएम के मध्य सहभागी शोध पर बल दिया। डा. नौटियाल ने पिछले वर्ष उद्योग को सीमैप के हर्बल उत्पादों की तकनीक का हस्तांतरण का भी जिक्र किया। डा. ए.के. सिंह ने अतिथियों का परिचय कराया।
डा. राम विश्वकर्मा ने पादप आधारित दवाओं के महत्व पर वार्षिक दिवस व्याख्यान दिया। डा. राम ने बताया कि आज के समय में पौधों पर आधारित दवाओं का विकास बड़ी तेजी से बढ़ रहा है तथा यह क्षेत्र दवा विकास के क्षेत्र में बहुत ही महत्वपूर्ण होता जा रहा है। इसके लिए सीएसआईआर में भी काफी शोध कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सीएसआईआर-आईआईआईएम जम्मू में पौधों पर आधारित दवाओं की जानकारी का एक डाटाबेस विकसित किया गया है। उन्होंने आगे बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य करने वाले वैज्ञानिकों को और प्रोत्साहन मिलना चाहिए ताकि शोध की जानकारी आम जनता तक पहंुच सके।
डा. हर शरण दास, प्रमुख सचिव, एस एण्ड टी डिपार्टमेन्ट ने भी सम्बोधित किया। डा. दास ने सीमैप द्वारा किये गये वैज्ञानिक कार्यों की सराहना की तथा बताया कि वैज्ञानिक शोध का लाभ जरूरतमंद लोगों तक पहुंचना चाहिए जिसके लिए राज्य सरकार वैज्ञानिक संस्थाओं व अन्य उपयोगी उद्योगों को साथ मिलकर कार्य करते हुए हर्बल दवाओं के क्षेत्र को आगे बढ़ाना चाहिए। इस अवसर पर अतिथियों द्वारा सिलिबम मैरियानम की प्रजाति सीमैप सिल-9 का विमोचन भी किया गया। इस प्रजाति से लगभग 8 प्रतिशत सिलमैरीन नामक मुख्य तत्व प्राप्त किया जा सकता है। इसका उपयोग यकृत रोगों के उपचार में किया जाता है।
इस अवसर पर डा. पी.के.सेठ, सीईओ, बायोटेक पार्क, डा.के.सी. गुप्ता, निदेशक, सीएसआईआर-आईआईटीआर व यूपी सीएसटी के निदेशक डा. सिद्दीकी व सीमैप के भूतपूर्व वैज्ञानिक डा. त्यागी, डा. कमला सिंह, डा. के.पी. सिंह इत्यादि उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com