25 मार्च 2013ए अपनी सरकार के विरूद्ध मीडिया और विपक्षी दलों पर साजिश
का आरोप लगाने वाले मुख्यमंत्रीए उन घटनाओं पर लगाम क्यों नही लगाते जिनकी वजह
से राज्य सरकार चैनलों और अखबारों की सुर्खियां बनी हुई है। प्रदेश प्रवक्ता
विजय बहादुर पाठक ने कहा कि खुद अखिलेश यादव अब स्वीकार कर रहे है कि श्अपनी ही
सरकार की हम बुराई कैसे करें।श्
राज्य मुख्यालय पर संवाददाताओं से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर
पाठक ने कहा कि आज इटावा के एक विद्यालय के समारोह में शिक्षा व्यवस्था को
लेकर जिस तरह की प्रतिक्रिया मुख्यमंत्री ने व्यक्त की उससे राज्य की बदहाल
होती शिक्षा व्यवस्था और सपा सरकार के चैतरफा विकास के दावों की कलई खुली।
श्री पाठक ने कहा मुख्यमंत्री का यह कथन दुर्भाग्यपूर्ण है कि अब अपनी ही
सरकार की बुराई हम कैसे करें। मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की कार्यशैली को लेकर
जिस साफगोई से स्वीकारोक्ति की उसी तरह यदि मुख्यमंत्री अपने पिता और सपा
प्रमुख की नसीहतों पर कुछ तो अमल करते तो शायद बेहतर होता। जिस राज्य की
शिक्षाए स्वास्थ और कानून व्यवस्था पर ढ़ेरों प्रश्न खड़े होगे वहां विकास की
बात तो बेमानी ही होगी। सपा प्रमुख के बाद अब मुख्यमंत्री की स्वीकारोक्ती सपा
राज्य में प्रदेश के हालात को बयां करने के लिए काफी है।
श्री पाठक ने कहा कि थानों और तहसीलों में भ्रष्टाचार होता है जिसे सपा प्रमुख
से लगाये अब मुख्यमंत्री भी स्वीकार कर रहें है। जिस तरह लखनऊ की एक पुलिस
चैकी में घटी घटना का मुख्यमंत्री ने सार्वाजनिक सभा में किस्सा सुनाया कि
पुलिस ने 50 हजार रूपये की घूस मांगी थी इसकी जानकारी हुई तो हमने वापस
दिलाये। हमने सम्बंधित को माफ भी कर दिया। स्वयं मुख्यमंत्री के बयान से पूरे
प्रदेश के थानों की दशा का अनुमान लगाया जा सकता है। इतने बड़े प्रदेश में
लगभग सभी थानों.चैकियों में आये दिन इस तरह कि घटनायंे घटित हो रही हैए जिसकी
जानकारी मुख्यमंत्री को नही हो पा रही हैए आम जनता का उत्पीड़न हो रहा हैं।
क्या मुख्यमंत्री ऐसी कोई व्यवस्था नही बना सकते की आम जन को न्याय के लिए घूस
देनी ही ना पड़े।
उन्होनंे कहा कि कार्य पालिका को अपना काम करने देना चाहिए। पुलिस कर्मी ने
घूस लिया था प्रथम दृस्टया वह अपराधी हुआ इस घटना से उसकी मनोवृत्ति उजागर
हुई। घूस के रूपये वापस करा कर उसकी मानसिकता नही बदली जा सकती। गलत को सजा और
अच्छे को पुरस्कृत करने के मापदण्ड सरकार को स्थापित करने चाहिए। इस तरह के
उदाहरणो से भ्रष्टाचारियों और अराजक हो गई पुलिस के हौसले बढ़ेगे। भ्रष्टाचार
तो भ्रष्टाचार हैए उस भ्रष्टाचार पर कठोर कार्यवाही होनी चाहिए।
श्री पाठक ने कहा कि रोज कठोर कार्यवाही और गडबडी पर नपेंगे बड़े अधिकारी
अखबारों की सुर्खियां तो बन रहे है पर कार्यवाही हो नही रहीए इसका जिम्मेदार
कौन है। देवरिया में सरेआम महिला पर आपत्तिजनक टिप्पणीए सुर्खियों में उसका
बयान और सरकार की माफी खबरों मे थे। पर कार्रवाई होने में काहे देर हुई क्या
उसके लिए मीडिया और विपक्ष जिम्मेदार है घ् टोल प्लाजा पर मारपीट की घटना में
विधायक को लेकर आरोप लगते है पीडि़त पक्ष बयान देता है पर कार्यवाही क्यों
नही
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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