Categorized | लखनऊ.

हमारा देश किसानांे का देश है। तरक्की तभी होगा जब किसान तरक्की करेगा - शिव कुमार बेरिया

Posted on 25 March 2013 by admin

दिनांक 24 मार्च, 2013
हमारा देश किसानांे का देश है। तरक्की तभी होगा जब किसान तरक्की करेगा। सरकारी क्षेत्र में रोजगार के सीमित अवसर है। उद्योग धंधों की दशा ठीक नहीं है। ऐसी दशा में रेशम उद्योग से काफी लोगों को रोजगार उपलब्ध हो रहा है। यह उद्योग पूरी तरह खेती पर आधारित है। किसान रेशम उद्योग को अपनाकर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर सकते हैं। इसके उत्पादन को बढ़ाने में रेशम विभाग को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। अधिकारियों को किसानों का उत्साहवर्धन करते हुए रेशम उद्योग को गांव-गांव तक पहुंचाना होगा। प्रदेश में लगभग 175 मीट्रिक टन रेशम उत्पादन हो रहा है जो लक्ष्य से काफी कम है। आगामी वित्तीय वर्ष में इसे बढ़ाकर 1500 मी0टन करना होगा। इससे किसानों को अच्छी आय प्राप्त होगी और अधिक स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
यह बात आज यहां चैधरी चरण सिंह सहकारिता भवन में ‘‘डाॅ0 राम मनोहर लोहिया रेशम उत्पादकता पुरस्कार’’ वितरण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए रेशम एवं वस्त्र उद्योग मंत्री श्री शिव कुमार बेरिया ने कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों की हितैषी है तथा उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए अनेकों कार्यक्रम चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रेशम उद्योग के तहत कोया उत्पादन 56 जिलों में किया जा रहा है, लेकिन यह कुछ क्षेत्रों तक सीमित है इसका विस्तार ब्लाक स्तर पर करना होगा। उन्होंने कहा कि रेशम उद्योग को गांव स्तर तक ले जाया जाये ताकि अधिक से अधिक किसान इसका लाभ उठा सकें। गांव की 90 प्रतिशत जनता रेशम उद्योग के बारे में नहीं जानती है। अधिकारियों को इस उद्योग को बढ़ावा देने के लिए हर सम्भव प्रयास करना होगा और उन्हें किसानों के बीच जाना होगा।
श्री बेरिया ने कहा कि प्रत्येक तीन माह में विभागीय समीक्षा की जायेगी, उदासीन और लापरवाह अधिकारियों को चिन्हित करके उन्हें दण्डित किया जायेगा। इसलिए अधिकारी सरकार की मंशा के अनुरूप कार्य करें। रेशम उद्योग को आम जन तक पहुंचायें और उन्हें आरण्डी, शहतूत एवं अर्जुन/आसन पौधों के उन्नत बीज उपलब्ध करायें ताकि एरी, शहतूती एवं टसर रेशम के कोयों की उत्पादन क्षमता बढ़े और इस क्षेत्र में हम आत्मनिर्भर बन सके। उन्होंने कहा कि किसानों को कोकून उत्पादन करके धागाकरण करने में उन्हें अधिक लाभ होगा। वस्त्र उद्योग हमारे देश का पुराना उद्योग है। बनारस की रेशमी साड़ी, कश्मीरी शाल पूरी दुनिया में विख्यात है। उन्होंने कहा कि जब हमारे पास उन्नत तकनीक नहीं था तब विश्व में हमारा महत्वपूर्ण स्थान था और आज तो हमारे पास सबकुछ है। हमे पुनः वस्त्र उद्योग के क्षेत्र में आगे बढ़ना होगा, रेशम उत्पादन को बढ़ाना होगा यदि उत्पादन क्षमता नहीं बढ़ेगी तो हमें बाध्य होकर लापरवाह अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाई करनी पड़ेगी। इसलिए आज से ही कार्य योजना बनाना शुरू कर दी जाये।
श्री बेरिया द्वारा प्रदेश में रेशम उद्योग के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सुलभ कराने एवं रेशम उद्योग के प्रति लोगों में आकर्षण एवं प्रतिस्पर्धा विकसित करने हेतु 40 रेशम उत्पादकों एवं धागाकरण उद्योग से जुड़े उद्यमियों को पुरस्कृत किया गया, जिसमें प्रथम बार रेशम कीटपालन से जुड़े 10 लाभार्थियों सहित कुल 40 लोग पुरस्कृत हुए। सर्वाधिक शहतूती कोया उत्पादन करने वालों में जनपद बहराइच के श्री विद्याराम, महराजगंज के श्री प्रहलाद, देवरिया के श्री अवशेष, कुशीनगर के श्री अमावश, गोण्डा की श्रीमती राजिया बेगम, श्रावस्ती की श्रीमती केतका देवी, औरैया की श्रीमती सिद्धश्री, मरेठ की श्रीमती छोटी, बस्ती की श्रीमती मालती देवी, गाजीपुर के श्री सुरेन्द्र यादव, बलरामपुर की श्रीमती नूरजहां, मैनपुरी की श्रीमती राजकुमारी, बलिया के श्री चनद्रशेखर उपाध्याय, पीलीभीत के श्री दाताराम, फिरोजाबाद की श्रीमती हरिप्यारी, मथुरा के श्री दत्त प्रसाद, आगरा के श्री बहादुर सिंह, लखीमपुर-खीरी के श्री रघुवर, सहारनपुर के श्री मिल्कीराम एवं गोरखपुर की श्रीमती बासमती शामिल हैं। सर्वाधिक टसर कोया उत्पादन करने वालों में जनपद सोनभद्र की श्रीमती लीलावती, ललितपुर के श्री कोमल, फतेहपुर के श्री पन्ना एवं चन्दौली की श्रीमती सिमवन्ती को लाभान्वित किया गया। इसी प्रकार सर्वाधिक एरी कोया उत्पादन करने वालों में जनपद कानपुर नगर की श्रीमती रुकमणी, हमीरपुर की श्रीमती देववती, बांदा के श्री जयकरन, चित्रकूट की श्रीमती गौरा व कानपुर देहात के श्री कुंवर सिंह  तथा धागाकरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट उद्यमी के रूप में श्री पुण्य प्रकाश शर्मा लखीमपुर-खीरी को सम्मानित करते हुए 11000 रुपये का प्रोत्साहन पुरस्कार स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति प्रमाण पत्र वितरित किया गया।
इस अवसर पर विशेष सचिव रेशम श्री अजय कुमार उपाध्याय, निदेशक रेशम श्री विष्णु स्वरूप मिश्र, केंद्रीय रेशम बोर्ड भारत सरकार के वरिष्ठ वैज्ञानिक के अतिरिक्त वाई.के. सिंह, राम बहादुर, सूरज सिंह आदि रेशम उत्पाकों ने अपने विचार व्यक्त किये और बड़ी संख्या में रेशम उत्पादन से जुड़े किसान, विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
लखनऊ, 24 मार्च। आज सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर सभागार में आयोजित ‘विश्व एकता सत्संग’ में बोलते हुए प्रख्यात शिक्षाविद् तथा सीएमएस की संस्थापिका-निदेशिका और बहाई अनुयायी डाॅ. भारती गाँधी ने कहा कि बच्चों में भेदभाव न पनपने दें तथा उन्हें सत्य, न्याय एवं करुणा के मार्ग पर चलना सिखायें। उन्होंने कहा कि बच्चों को बतायें कि समस्त मानवजाति एक ही ईश्वर की संतान हैं। सिर्फ उनके धरती पर आने का वर्णन विभिन्न धर्मों में अलग-अलग है। हिन्दू धर्म के अनुसार संसार का प्रादुर्भाव मनु और सतरुपा से, इस्लाम धर्म के अनुसार आदम और हव्वा तथा ईसाई धर्म के अनुसार एडम और ईव से ही सृष्टि का निर्माण हुआ है। उन्हीं के कारण आज 6 अरब लोग धरती पर हैं। अतः सभी आपस में मिलजुल कर एकता से रहें, यही ईश्वर की इच्छा है।
डाॅ. भारती गाँधी ने आगे बोलते हुए कहा कि नारी में धैर्य, दया, ममता व बल होता है और उन्हीं से संसार का उद्धार संभव है। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व की एक भाषा, एक न्यायालय, एक अर्थव्यवस्था तथा एक ही कार्यपालिका हो तथा विश्व के प्रत्येक बच्चे को एक समान शिक्षा दी जायें। बहाउल्लाह के बताए रास्ते पर चलकर ही संसार का कल्याण संभव है। इस अवसर पर सीएमएस गोमती नगर कैम्पस-2 के बच्चों ने प्रार्थना, भक्ति गीत, सुविचार इत्यादि से वातावरण को और भी भक्तिमय कर दिया। सभागार में उपस्थित सभी अभिभावकों ने कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा की और कहा कि वे सीएमएस के आभारी हैं कि उनके बच्चों में अच्छें संस्कार डाले जा रहें हैं जो कि इस आधुनिक युग में और भी आवश्यक है। इस अवसर पर सीएमएस गोमती नगर द्वितीय कैम्पस की प्रधानाचार्या श्रीमती नीति टंडन भी उपस्थित थी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

November 2024
M T W T F S S
« Sep    
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
-->









 Type in