१९ मार्च । अगर नजर दौडाई जाय तो इस समय नगर की यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए प्रशासन कई स्तरो पर कार्यरत है । बस स्टैड से सम्बद्ध सडको के चैडीकरण का कार्य सडको के मध्य स्थाई डिवाइडर के निर्माण की प्रव्रिहृया चल रही है ।
लेकिन फिर भी बस स्टेशन और उसके इर्द गिर्द ही सबसे ज्यादा जाम लगता है। अगर आम ध्यान दे तो बस स्टैंड के चैराहे पर एक चैम्बर बना हुआ है जिसमें यातायात पुलिस कर्मी दिन भर आराम से बैठे हुए या पेपर पढते हुए नजर आ जायेगें । इस चैम्बर के निकट ही एक जीप जिस पर यातायात पुलिस लिखा हुआ है आपको लगभग दिनभर खडी हुई मिल जायेगी । स्पष्ट है इन सबकी ड््यूटी किसी मकसद के तहत यहां लगाई गई होगी । मकसद क्या और कितना पूरा हो रहा है शायद बताने की जरुरत नही है ।
बस स्टैड से जुडी सडके चैडी की जा रही है लेकिन क्या फायदा उनपर दुकानदारो और दो पहिया वाहनो, चार पहिया वाहनो का अतिव्रहृमण बना हुआ है । सवेरा होटल के सामने, अवंतिका जलपान गृह के सामने , बैण्ड बाक्स की दुकान के सामने इस कदर ग्राहक गाडियां खडी किये रहती है मानो यह सडक ना होकर पार्रि्कग स्थल है । चलने वालो के लिए सडक मे बीच की थोडी सी जगह बचती है अब ऐसे मे यातायात व्यवस्था की दुर्गति नही होगी तो और क्या होगा ।
डिवाइडर बना देने से यातायात पुलिस का स्थाई चैम्बर बना देने भर से यह समस्या हल नही होने वाली । जरुरी है यातायात पुलिस कर्मी मुश्तैदी से अपना कर्तव्य यथोचित स्थान पर निभाये और सडको पर जहां तहां गाडी खडी करने वालो के खिलाफ कार्यवाई हो क्योकि सडके चैडी हो या पतली यदि उनका प्रयोग अवैध पार्रि्कग के रुप मे या दुकान लगाकर किया जायेगा तो हमारा नगर जाम की समस्या से कभी निजात नही पा सकेगी ऐसे मे हमारे यहां का यातायात पुलिस प्रशासन जितना गुणगान किया जाय कम है कुल मिलाकर स्थिति वही है कि एक तो तितलौकी दूसरे नीम की डाल ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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