Categorized | लखनऊ.

श्री मुलायम सिंह यादव ने मुसलमानों के दर्द को समझा ।

Posted on 19 March 2013 by admin

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि कांग्रेस का काम राजनीति को प्रदूषित करना और खासकर मुस्लिमो को गुमराह करना रह गया है। आजादी के बाद कांग्रेस ने मुस्लिमो को विभाजन का दोषी ठहराकर और उनका भयादोहन कर वोट हासिल किए। जब मुस्लिमों के सामने सच्चाई आई तो वे कांग्रेस से छिटककर दूर हो गए। कांग्रेस ने तब उनकी बाबरी मस्जिद के ध्वंस में मदद की, मंदिर का शिलान्यास कराया। मुस्लिमों की रोजी रोटी छीनने के साथ उनकी उर्दू भाशा की उपेक्षा में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। अब जब कांग्रेस का सत्ता जाने की बेचैनी है तो फिर मुस्लिमो के लिए उसके नेता घडि़याली आंसू बहाने लगे हैं।
केन्द्र की कांग्रेस सरकार ने सच्चर कमेटी बनाई और रंगनाथ मिश्र आयोग का गठन किया। सच्चर कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि मुस्लिमों की हालत अनुसूचित जातियों से बदतर है। उन्हें आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए, यह सिफारिश रंगनाथ मिश्र आयेाग ने की। लेकिन कांग्रेस ने अपनी ही कमेटी और आयोग की सिफारिशों पर अमल के बजाए उन्हें ठंडे बस्ते में डाल दिया। मुस्लिमों को फिर उनके हक से वंचित कर दिया गया।
कांग्रेस राज में मुस्लिमों को कैसे पिछड़ा, गरीब और अशिक्षित बनाने की साजिश हुई है इसका खुलासा खुद सरकारी आंकड़ों से ही हो जाता हैं। 20 फीसदी मुस्लिम आबादी शिक्षा से दूर रखी गई तो देश की तरक्की कैसे हो सकती है। सरकारी रिपोर्ट बताती है कि 1947 में 8Û5 प्रतिशत मुस्लिम लड़कियां स्नातक या उसके ऊपर की पढ़ाई कर रही थीं, इस समय यह आंकड़ा 2Û4 प्रतिशत हैं। अल्पसंख्यक छात्रों को छात्रवृत्ति 1Û20 लाख रूपए जबकि एससी/एसटी को 9Û5 से 10 लाख रूपए दी जाती है। जहां तक नौकरियों में मुस्लिमो की भागीदारी का सवाल है, केन्द्र की कांग्रेस सरकार ने उनको हाशिए पर ही रखा हैं उर्दू जबान को रोजी रोटी से जुड़ने नहीं दिया गया। उच्च पदों पर उनकी पदोन्नतियों में अवरोध डाले गए। नतीजा यह है कि मुस्लिमो की संख्या शिक्षा, उद्योग, व्यापार, न्यायतंत्र, प्रशासनतंत्र में घटती ही गई है।
उत्तर प्रदेश में श्री मुलायम सिंह यादव ने मुसलमानों के दर्द को समझा। बाबरी मस्जिद बचाने के लिए अपनी सरकार भी संकट में डाली, 14 प्रतिशत से ज्यादा मुस्लिम नौजवानों की पुलिस-पीएसी में भर्ती की, उर्दू को दूसरी राजभाषा का दर्जा दिया, उर्दू के अनुवादकों, शिक्षकों की भर्ती की। अल्पसंख्यक छात्राओं को 30 हजार रूपए का अनुदान, लैपटाप वितरण, कब्रिस्तानों की चाहरदीवारी का निर्माण आदि के लिए मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने बजट में प्राविधान किए है। कांग्रेस और बसपा के राज में मुस्लिम नौजवानों को आतंकवादी बताकर यातनाएं दी गई। श्री मुलायम सिंह यादव ने आश्वासन दिया है कि बेगुनाहों की रिहाई होगी। मुख्यमंत्री जी ने भी आतंकवाद के आरोप में बंद मुस्लिम नौजवानों के संबंध में रिपोर्ट मंगाई है और रिहाई की न्यायिक प्रक्रिया पूरी करने के आदेश हो गए है।
जहाॅ तक मुस्लिमों के आरक्षण का सवाल है समाजवादी पार्टी की सरकार इस संबंध में केन्द्र सरकार पर दबाव डाल रही है। मुख्यमंत्री जी ने आश्वासन दिया है कि जो सिफारिशें राज्य सरकार के जरिए लागू हो सकती है, उन्हें उत्तर प्रदेश में लागू कराया जाएगा। मुस्लिमों के शैक्षिक, आर्थिक, सामाजिक उत्थान के लिए भी योजनाएं बनाई गई हैं। कांग्रेस मुसलमानों के हित की केवल कागजी बयानबाजी करती है और उन्हें धोखा देती रही है।
कांग्रेस का एक केन्द्रीय मंत्री मुलायम सिंह यादव पर बेहूदा आरोप लगाता है कि आतंकवादियों से उनके रिश्ते हैं। कांग्रेस हाईकमान ने झूठे और अनर्गल बयानबाजी करनेवाले मंत्री से अभी तक इस्तीफा नहीं लिया गया है। यह एक गम्भीर मसला है जिस पर कांग्रेस नेतृत्व  की तीन दिनों से चुप्पी जताती है कि मुस्लिमों को वह आतंकवादी ही मानती है। कांग्रेस के इस राजनीतिक मर्यादा से गिरे चरित्र से धर्मनिरपेक्षता कमजोर पड़ती है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

November 2024
M T W T F S S
« Sep    
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
-->









 Type in