17 मार्च।
उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के मीडिया कोआर्डिनेटर अशोक सिंह ने आज सपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार एक ओर जहां सिंचाई सुविधा उपलब्ध करने को लेकर करोड़ों रूपये खर्च कर बजट जारी कर रही है वहीं प्रदेश भर में सिंचाई को लेकर बनाई गईं तमाम योजनाएं कागजों में ही दम तोड़ रही है भले ही सिंचाई योजनाओं की मदों में अरबों रूपये व्यय करने का दावा किया जाता रहा हो परंतु किसानों व खेती की जमीनी हकीकत आज भी जस की तस बनी हुई है। क्योंकि 60 से 70प्रशित किसान आज भी भगवान भरोसे बरसात के पानी के मोहताज बने हुए हैं।
श्री सिंह ने कहाकि प्रदेश में सबसे दुःखद स्थिति बुंदेलखण्ड की है। बुन्देलखण्ड क्षेत्र के जनपदों में चाहे वह कूप निर्माण योजना हो या ग्रामीण जल संचयन की योजना के अन्तर्गत बनाये गये चेकडैम। इन योजनाओं में जबर्दस्त भ्रष्टाचार व्याप्त है। सपा सरकार ख्ुाद को किसानों का हितैषी बताने में कोई कसर जहां छोड़ नहीं रही है वहीं किसानों की तकदीर बदलने के उद्देश्य से इन योजनाओं को मूर्त रूप देने का काम नहीं किया। इन योजनाओं का लाभ किसानों के बजाय ठेकेदारों एवं विभागों के अधिकारियों तक ही सीमित रहा। जिसके चलते आज बुन्देलखण्ड का 60प्रतिशत किसान बरसात के पानी पर निर्भर रहने को मजबूर हैं। नहरों में पानी नहीं आ रहा है और सिंचाई विभाग ने जो चेकडैम निर्मित करवाये हैं वह वर्षा के जल को एकत्र करने में नाकाफी साबित हुए हैं। मनरेगा योजना के तहत बनाये गये कुएं टूट गये तो बंधी निर्माण कार्य भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा।
श्री सिंह ने कहा कि इतना ही नहीं बुन्देलखण्ड की सुधि लेने के नाम पर सिर्फ बेरोजगारी भत्ता बांटने एवं कन्या विद्याधन बांटने के लिए ही एक वर्ष में मुख्यमंत्री जी को अपना स्वागत करवाने का ही मौका मिल सका है। पूरा का पूरा बुंदेलखण्ड सूख्ेा की चपेट में है। नहरें सूखी हुई हैं और बिजली की समस्या विकराल रूप धारण कर चुकी है। बुंदेलखण्ड में तो सबसे बंजर इलाके में प्रदेश सरकार की अधिकतर सिंचाई योजनाएं ही धरातल पर नहीं आ सकीं।
श्री सिंह ने कहा कि एक ओर जहां कांग्रेस शासनकाल में पूरे प्रदेश में नहरों का जाल बिछाकर किसानों को सिंचाई का साधन मुहैया कराया गया। जगह जगह सरकारी ट्यूबवेलों का निर्माण कराया गया। किसानों को सिंचाई के लिए बिजली उपलब्ध करवायी गयी वहीं गैर कांग्रेसी सरकारों ने किसान विरोधी रवैया अख्तियार किया और नहरों की जो दुर्दशा आज है, उसी का परिणाम है।
मीडिया कोआर्डिनेटर ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा बुन्देलखण्ड को दिये गये विशेष आर्थिक पैकेज का भी राज्य सरकार समय से उपयोग नहीं कर रही है जिसका नतीजा यह है कि सिंचाई, पेयजल एवं मनरेगा जैसी योजनाएं यहां नगण्य है। बंजर के बीच सालों से लगातार पड़ने वाला सूखा किसानों की कमर तोड़ देता है। किसी तरह यदि किसान फसल खेत में उगा भी लेता है तो सिंचाई के अभाव में फसलें नष्ट हो जा रही हैं जिससे पूरे बुंदेलखण्ड के किसानों में आक्रोश व्याप्त है। इसी प्रकार पूरे प्रदेश में सिंचाई और पानी की स्थिति अत्यंत भयावह होती जा रही है किन्तु प्रदेश सरकार पूरी निश्चिंन्तता के साथ अपने एक वर्ष के कार्यकाल को सफल बताकर खुद की पीठ थपथपाने में व्यस्त है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com