१७ मार्च । जनपद का रेलवे स्टेशन यात्री सुविधाओ सुरक्षा और संरक्षा के मामले मे पूर्णतया फेल साबित हो रहा है।
गौरतलब हो कि यहां पर सुरक्षा के लिहाज से आर०पी०एफ० की चैकी की ओर जी०आर०पी० की चैकी और इंजार्ज समेत सिपाही भी मौजूद है सारे संसाधन भी है मगर शायद लापरवाह है या स्वार्थ सिद्धि मे लिप्त है।
यहां नगर में आये दिन चोरी की वारदात हो रही है मगर अपराधी नही पकडे जा रहे है वही रेलवे की जी०आर०पी० भी अपने ईलाके मतलब स्टेशन परिसर को ही नही संभाल पा रही है यहां आने वाली मालगाडी के डिब्बो मे घुसकर खाद्यान्न्न व कोयले की चोरी आये दिन होती रहती है।
मगर न तो जी०आर०पी० न ही आर०पी०एफ० इस ओर ध्यान देती है। और तो और बाहर से भी चोर और उचक्के पैसेजर ट्रेन से आकर स्टेशन परिसर मे शरण लेते है जो कि रात्रि मे नगर मे वारदात कर सुबह पैसेजर से वापस अपने ठिकाने पर चले जाते है।
जी०आर०पी० थानाध्यक्ष के बारे मे सुना गया था कि ये काफी हाईटेक और अत्याधुनिक दरोगा है मगर आज भी रेलवे आरक्षण मे दलालो का कब्जा बदस्तूर बरकरार है। बेन्डर आज भी इस वी०वी०आई०पी० स्टेशन पर आने वाले मुसाफिरों के सडा गला ब्रेड पकौडा व बासी पूडी सब्जी खिला रहे है जिन पर न स्टेशन अधीक्षक न जी०आर०पी० न आर०पी०एफ० कोई कार्यवाही करता है।
बल्कि ये अवैध वेन्डर ट्रेन मे सिंथेटिक दूध की चाय आये दिन बेचते मिलेगे जिनसे इन जिम्मेदारो को नकद की इंकम प्रतिमाह होती है जिसके चलते मुसाफिर पूरा पैसा देकर भी खराब सामान खाने को मजबूर है।
स्थानीय जनता ने उत्त्तर रेलवे मंडल प्रबंधक व पुलिस अधीक्षक रेलवे से मांग की है कि यात्रियो को बेहतर सुविधा, सुरक्षा दी जाये व यात्रियो को भयमुक्त होकर आरक्षण व तत्काल टिकट की व्यवस्था कराई जाय।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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